जवाहर कला केन्द्र का पूरा परिसर साहित्य और भारतीय सेना से जुड़े लोगों और उनके परिवार के सदस्यों से आबाद रहा। मौका था, आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (आवा) की ओर से आयोजित लिटररी फेस्टिवल अभिव्यक्ति सीजन 2 का। रविवार को फेस्टिवल का दूसरा दिन था और इस मौके पर कई ऐसे सत्र आयोजित हुए, जिसमें देशभर से आए विशेषज्ञों ने अपने साहित्यक अनुभवों के साथ भारतीय सेना से जुड़ाव को सभी के साथ साझा किया। एक सत्र में रोडीज फेम रणविजय सिंह भी मौजूद रहे और उन्होंने देशप्रेम और सैनिक परिवार से जुड़ाव के लम्हों को साझा किया। दूसरे दिन का विषय 'खुला आसमान' था। ऐसे में दिन की शुरुआत इंडिया टुडे के जाने-माने लेखक, संपादक और एंकर शिव अरूर के साक्षात्कार से हुई। साहित्यिक महोत्सव में अरूर की उपस्थिति महत्वपूर्ण इसलिए भी थी, क्योंकि उन्होंने एक रक्षा संवाददाता होने के साथ-साथ कई सैन्य पुस्तकें भी लिखी हैं। अरूर ने सैन्य संगठन के साथ अपने जुड़ाव के बारे में बताया। इसके बाद क्षेत्रीय आवा अध्यक्षा रवनीत भिंडर ने ज्योत्सना अत्रे की लिखित पुस्तक 'द जंगल बुक ऑफ राइम्स' का विमोचन किया।
जेकेके के रंगायन सभागार में 'चैटरूम/इख्तियार-ए-ख्वाब: मीट योर पोएट' सत्र आयोजित किया गया। इसमें कवियों ने श्रोताओं के साथ अपनी रचनाएं शेयर की। इसके बाद सुचेता शिव कुमार और उनकी मंडली की साहित्यिक विषय पर आधारित कथक प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम की अगली कड़ी में मध्यवर्ती मंच पर 'रूबरू पार्ट- II: मीट योर ऑथर' सेशंस आयोजित हुए। इस संवादात्मक सत्र में लेखकों ने अपने कार्यों को दर्शकों के साथ सांझा किया। सत्र 'एज ओनली ए नंबर फॉर राइटर्स' में विभिन्न आयु के लेखकों ने जीवन के विभिन्न चरणों में अपने लेखन कॅरियर को शुरू करने का अनुभव साझा किया।
दोपहर को रंगायन सभगार में सत्र 'किताबों की जुबानी' आयोजित हुआ, इसमें स्वप्निल पांडे, सिमरन रंधावा और वंदना यादव ने अपनी रचनाओं के अंश सुनाए। इसके बाद अनुराधा प्रभुदेसाई और सरताज लांबा के विशेष सत्र 'मेरा देश मेरी जान' का आयोजन किया गया, जिसमें सैनिकों के लिए की गई कल्याणकारी पहलों को ओर अधिक करने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया गया। लंच के बाद 'मध्यवर्ती' में सत्र 'जिंदगी एक सफर' की शुरुआत हुई, जिसमें लेखकों के साहित्यिक यात्रा वृत्तांत और अनुभवों पर के बारे में चर्चा हुई। अगला सत्र 'ड्रीम बिग अचीव बिग' था, जिसने सभी बाधाओं के बावजूद सफल महिला उद्यमियों की सफलता की कहानियों के बारे में बताया गया।
इन कार्यक्रमों के अलावा आयोजन स्थल पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। कृष्णायन ऑडिटोरियम में वर्कशॉप सुतापा बसु की 'रचनात्मक लेखन' पर थी। इसके बाद आनंदिता रॉय, डॉ. रितु शर्मा और प्रियंका जेटली ने 'एम्पावरिंग योरसेल्फ टू आर्टिकुलेट योर एस्पिरेशन' को जज किया था। कार्यक्रम में सुमन सिवाच की लिखित 'गजाला' का विमोचन क्षेत्रीय आवा अध्यक्षा रवनीत भिंडर और सुनीताने किया। कार्यक्रम में एनसीसी कैडेटों ने नुक्कड़ नाटक, गीत प्रस्तुति और आर्मी सिम्फनी बैंड की ओर से शिल्पग्राम में प्रस्तुति दी गई। बैंड के सदस्यों ने देशभक्ति गीतों के साथ बॉलीवुड सॉन्ग्स की धुनों का पेश किया गया।
सोमवार को कुमुद मिश्रा प्रस्तुत करेंगे नाटक फेस्टिवल का समापन सोमवार को होगा। इसमें कई एक्टिविटी होगी। इनके तहत आखिरी दिन रंगायन सभागार में नाटक शक्कर के पांच दाने की प्रस्तुति होगी, इसमें बॉलीवुड एक्टर कुमुद मिश्रा प्रस्तुति देते नजर आएंगे।
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