जयपुर में बिजनेसमैन के खुद काे गोली मारकर खुदकुशी मामले में 5 दिन बाद अब एक सुसाइड नोट सामने आया है। सोने-चांदी का बिजनेस करने वाले कारोबारी ने लिखा- 'मैं, मनमोहन सोनी आत्महत्या कर रहा हूं... इसके जिम्मेदार सत्यार्थ तिवाडी, अनी भारद्वाज व लोकराज पारीक हैं। इन्होंने मुझे बर्बाद कर दिया।' मनमोहन को जान देने पर मजबूर करने वाले ये किरदार वही हैं, जो ब्याज पर फाइनेंस का धंधा चलाते हैं।
मनमोहन का बुलियन कारोबार अच्छा खासा चल रहा था। इन आरोपियों को मनमोहन की हैसियत का पता था इसलिए उन्होंने इन्वेस्ट कराने के लिए मनमोहन को अपने झांसे में ले लिया। उनकी बातों में आकर मनमोहन अपना घर, पत्नी-मां के गहने, अपनी लग्जरी गाड़ियां बेचते चले गए और 6.5 करोड़ से ज्यादा रुपए लगा दिए। कोरोनाकाल में लोगों ने किस्तें देनी बंद कर दीं और मनमोहन के पैसे फंस गए। बैंकों का कर्ज बढ़ गया, घर-परिवार चलाना मुश्किल हो गया। पैसे वापस मांगने पर आरोपी धमकी देते, नतीजा मनमोहन हर तरफ से घिरते गए।
इसके बाद क्या हुआ, सब जगजाहिर है। इसी बुधवार को मनमोहन ने शास्त्रीनगर स्थित अपने घर पर ही अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली। उस वक्त घर में पत्नी नीतू सोनी (40), बेटा यश (20), मां और छोटे भाई रोहित सोनी की पत्नी मौजूद थीं। फायरिंग की आवाज सुनकर परिजन कमरे में पहुंचे तो वह लहूलुहान पड़े थे। फौरन उन्हें कांवटिया हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
अब परिजनों ने जब उनका कमरा खोला तो कारोबारी के पर्स में सुसाइड नोट रखा था। इसमें उन्होंने बताया कि उसे तीन लोगों से करोड़ों रुपए लेने हैं। इस बीच, उनके बेटे ने आरोप लगाए हैं कि पुलिस उनकी मदद नहीं कर रही है।
पहले पढ़िए, मनमोहन सोनी का ये सुसाइड नोट...
'मैं, मनमोहन सोनी आत्महत्या कर रहा हूं... इसका जिम्मेदार सत्यार्थ तिवाडी, अनी भारद्वाज व लोकराज पारीक हैं। इन्होंने मुझे बर्बाद कर दिया। मेरा मकान और गहने सब बिक गए। मैंने इनके चैक भी लगाए, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने देते। सत्यार्थ तिवाड़ी के पिताजी मुझे कोर्ट में भी धमकी देते है। सत्यार्थ तिवाड़ी से मुझे 6 करोड़, लोकराज से 21 लाख और अनी भारद्वाज से 60 लाख लेने हैं। मैं जीवन से संघर्ष हार गया। मेरी मां, पत्नी, भाई और बच्चे का दुख देखा नहीं जाता। अब मुझ में हिम्मत नहीं बची है। मेरे बच्चों, मुझे माफ करना। हिम्मत से काम लेना। मैं तुम्हारे लिये कुछ नहीं कर पाया। सब सत्यार्थ तिवाड़ी खा गया। बच्चों मेरा दुख मत करना। तुम सब हिम्मत रखना भाई।'
पुलिस बोली- हमारे रिकॉर्ड में है सब
घटना के दिन भी पुलिस और एफएसएल ने उनके पिता के रूम को अच्छी तरह से चेक किया था। तब उन्हें किसी तरह का सुसाइड नोट नहीं मिला। पांच दिनों तक रूम बंद रहा। रविवार को फिर रूम को खोला गया तो इस दौरान यश को पिता के पर्स में एक सुसाइड नोट मिला। इसमें मनमोहन सोनी ने साफ-साफ अपनी परेशानी और किन लोगों ने उन्हें परेशान किया है, उसका जिक्र किया हुआ है।
एसीपी शास्त्री नगर महेन्द्र कुमार गुप्ता ने बताया कि सोनी परिवार ने कल सुसाइड नोट दिया है। अभी तक पुलिस तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी हैं। अनी भारद्धाव की तलाश में टीमें लगी हुई हैं। उसे भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। सुसाइड नोट से केस में कोई खास फर्क नहीं पकने वाला। क्योंकि पूर्व में ही सुसाइड नोट में लिखी हुई बातें सामने आ चुकी हैं।
सुसाइड से पहले वीडियो भी बनाया...
बता दें कि मनमोहन ने सुसाइड से पहले एक वीडियो भी बनाया था। इसमें भी उन्होंने आरोपियों के साथ पैसों के लेनदेन के विवाद का जिक्र किया था। वहीं, शास्त्री नगर थाना के एएसआई लक्ष्मण सिंह ने बताया था कि मनमोहन सोनी (41) आरपीए के सामने स्वर्णकार कॉलोनी में रहते थे। घटना के बाद गुरुवार को पुलिस ने रिटायर्ड पुलिस अफसर रमेश चंद्र तिवाड़ी, उनके बेटे सत्यार्थ तिवाड़ी एक अन्य व्यक्ति लोकपाल पारीक को गिरफ्तार कर लिया है। ये तीनों ब्याज, फाइनेंस और लोन का काम करते हैं।
वीडियो में ये बोले थे मनमोहन...
'मैं सुसाइड करने का कई बार मन बना चुका हूं। इसे लेकर वह कई बार वीडियो भी बना चुका हूं। लेकिन हिम्मत नहीं हुई। मेरी आत्महत्या का जिम्मेदार सत्यार्थ तिवाड़ी, यर्थात तिवाड़ी, रमेश चंद तिवाड़ी, एनी भारद्धाज और लोकराज पारीक हैं। इनको सजा दें।
मेरे परिवार को इनसे पैसा दिलवाएं। बहुत परेशान हो गया हूं। बहुत दुखी हो गया हूं। बैंकों के फोन आ रहे हैं। इन लोगों ने मुझे बैंकों के कर्जे में डुबा दिया है। कर्ज मैं चुका नहीं पा रहा हूं। ये मेरा लेटेस्ट वीडियो है।
इससे पहले के दो और वीडियो भी हैं। हिम्मत नहीं जुटा पाया था आत्महत्या करने की। मेरी एलआईसी में एक पॉलिसी है। उसका क्लेम भी दिलवा दिया जाए। जिससे मेरे घरवालों को सहायता मिल सके। प्लीज रिक्वेस्ट है। समाज के लोगों से मेरे घरवालों से रिक्वेट है कि परेशान मत होना। दुखी मत होना। समाज में बड़े-बडे लोगों से भी अपील है कि वह मेरे परिवार को न्याय दिलवा देना प्लीज।'
पढ़िए, इस पूरे विवाद की कहानी...
मनमोहन सोनी तीनों आरोपियों को पहले से जानते थे। उन्हें पता था कि लोन के बदले काफी ब्याज देते हैं। इसी वजह से उन्होंने आरोपियों को साढ़े 6 करोड़ रुपए इन्वेस्टमेंट के लिए दे दिए। इस बीच कोरोना आ गया और लोगों ने किस्तें देनी बंद कर दीं। मनमोहन के करोड़ों रुपए डूबने लगे तो उन्होंने आरोपियों से लौटाने की बात कही। बताया जा रहा है कि इस पर आरोपियों ने कारोबारी को धमकाया कि वे रुपए नहीं लौटाएंगे।
पत्नी ने 2020 में दर्ज करवाया था मामला
जब रुपए नहीं आए तो मनमोहन की पत्नी नीतू ने 2020 में शास्त्री नगर थाने में आरोपियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। रिपोर्ट में बताया था- रमेश चंद्र तिवाड़ी ने सत्यार्थ तिवाड़ी के साथ मिलकर पति को झांसे में लिया। इसके बाद हमारा मकान गिरवी रख साढ़े 6 करोड़ रुपए पति से ले लिए। जब मेरे पति ने रुपए मांगे तो पहले वह टालता रहा। फिर एक दिन सत्यार्थ तिवाड़ी ने पैसा देने के लिए अपने घर बुलाया।
इस दौरान रमेश चंद्र तिवाड़ी भी मौजूद थे। उन्होंने मेरे पति के साथ अभद्र व्यवहार किया। धमकाया- दोबारा रुपए मांगे तो अच्छा नहीं होगा।रिपोर्ट में नीतू ने डॉ. अर्जुला चौधरी समेत अन्य लोगों पर भी धमकाने का आरोप लगाया था।
डिप्रेशन में पहले भी किया था सुसाइड का प्रयास, नींद की गोलियां खाईं
नीतू ने बताया कि मामला दर्ज कराने के बाद पुलिस ने बिना जांच कर FR (फाइनल रिपोर्ट) लगा दी। नीतू ने बताया कि इससे दुखी होकर मेरे पति ने दोबारा सत्यार्थ तिवाड़ी समेत अन्य लोगों के खिलाफ कोर्ट में शिकायत दी थी। इसके बाद उन्हें धमकी मिलती रही। बार-बार नोटिस भेज परिवार को परेशान किया जा रहा था।
ऐसे में वह डिप्रेशन में आ गए और 18 दिसंबर 2020 को मनमोहन ने नींद की गोलियां खाकर सुसाइड का प्रयास किया था। तब घरवालों को समय से पता चल गया तो उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया था।
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अंग्रेजी में एक लाइन है-
every suicide has a murderer
यानी हर आत्महत्या करने वाला का कोई न कोई कातिल होता है...।
ये केस भी ऐसा ही है, जिसमें 1 आत्महत्या के लिए 5 लोग जिम्मेदार हैं।
ये दर्दनाक कहानी है जयपुर के पॉश इलाके स्वर्णकार कॉलोनी में रहने वाले सोनी परिवार की, जिसकी जिंदगी भर की खुशियां एक बंदूक की गोली के साथ खत्म हो गईं।
घर का मालिक मनमोहन सोनी 5 लोगों के धोखे के कारण 6.5 करोड़ रुपए के कर्ज में डूबा हुआ था...(पूरी खबर पढ़ें)
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