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रणथम्भौर नेशनल पार्क की बालेर रेंज में गुरुवार को कानेटी गांव के पास बाघ ने चरवाहे पप्पू गुर्जर पुत्र बद्री गुर्जर पर पीछे से टाइगर ने पंजे से हमला कर दिया। इससे चरवाहे की गर्दन टूटने से मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलते ही वन विभाग, बहरावंडा कलां पुलिस सहित प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा करीब ढाई घंटे की लंबी समझाइश के बाद परिजन मौके से शव को उठाकर पोस्टमार्टम करवाने के लिए राजी हुए। इसके बाद शव को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खंडार पहुंचाया गया, यहां सीएचसी की मोर्चरी में डॉक्टरों द्वारा शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों के सुपुर्द किया गया।शव के गांव में आने पर ग्रामीणों ने परिवार को 25 लाख रुपए का मुआवजा देने, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की। ऐसा नहीं होने तक शव को नहीं उठाने देने को लेकर ग्रामीण अड़ गए। इस दौरान खंडार तहसीलदार देवी सिंह, वन विभाग के एसीएफ अरविंद झा, बालेर क्षेत्रीय वनाधिकारी कप्तान सिंह यादव, बहरावंडा कलां थानाधिकारी श्याम सिंह, खंडार थानाधिकारी दिग्विजय सिंह सभी द्वारा समझाइश की गई, लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे।घटना की जानकारी मिलते ही पंचायत समिति सभागार खंडार में जनसुनवाई कर रहे क्षेत्रीय विधायक अशोक बैरवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और मृतक के परिजनों को सांत्वना देकर हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। साथ ही मौके पर वन विभाग के एसीएफ अरविंद झा को मृतक के परिजनों को नियमानुसार मुआवजा देने के आदेश दिए। मौके पर मौजूद क्षेत्रीय वनाधिकारी कप्तान सिंह तत्काल उन्हें हटाने के निर्देश दिए।
घटना स्थल से शव को लाकर पोस्टमार्टम नहीं करवाने पर अड़े रहे
बाघ का दो दिनों से था मूवमेंटरणथम्भौर अभयारण्य की बालेर रेंज के बाजोली में बुधवार से ही टाइगर के मूवमेंट था। इसके लिए वन विभाग की टीम लगातार ग्रामीणों को आगाह कर रही थी। चरवाहों को वन क्षेत्र में जाने से रोका भी जा रहा था, लेकिन इसके बावजूद मृतक वहां बने हुए धाेराें में से कही से अपनी बकरियां लेकर बाघ विचरण क्षेत्र में चला गया। इसी दौरान कानेटी गांव निवासी चरवाहे पप्पू गुर्जर पर पीछे से टाइगर ने पंजे से हमला कर दिया। इससे चरवाहे की गर्दन टूटने से मौत हो गई। कुछ दूरी पर वनकर्मियों ने शोर मचा कर लाठियां बजाई तो बाघ शव को छोड़कर भाग गया।
खाट पर उठा कर शव कोगांव लेकर आए ग्रामीण टाइगर के हमले के बाद मौके पर एबुलेंस नहीं पहुंचने से सायड़ी वाले खाळ के पास टाइगर के हमले में मृत पप्पू गुर्जर के शव को ग्रामीण चारपाई पर ही गांव में लेकर आए। इस दौरान मृत चरवाहे पप्पू गुर्जर के शव का पोस्टमार्टम गांव में ही करवाने, मृतक के परिजनों को सरकारी नौकरी देने, उचित मुआवजा देने की मांग पर अड़ गए। मौके पर मौजूद पूर्व सरपंच खिलाड़ी लाल गुर्जर व अन्य लोगों द्वारा समझाइश करने पर लगभग ढाई घंटे बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए खंडार सीएचसी लेकर गए।
ट्रेकिंग कर रही टीम पर भी किया था हमले का प्रयास बाघ द्वारा चरवाहे पर हमला करने की घटना की जानकारी मिलते ही बालेर रेंज के वनपाल चौथमल, वनकर्मी विशाल गुर्जर, सियाराम चौधरी, टाइगर ट्रैकर हनुमान गुर्जर सहित विभागीय कार्मिक मौके पर पहुंचे। बाघ की क्षेत्र में दस्तक के बाद से ही बालेर रेंज की टीम टाइगर की ट्रेकिंग में जुटी थी, लेकिन गुरुवार को टाइगर ने एक चरवाहे को मौत के घाट उतार दिया। बाघ की ट्रेकिंग कर रही टीम पर बाघ ने हमला करने का प्रयास किया, लेकिन वनकर्मी बाल-बाल बच गए।
विभाग टीम लगातार लोगों को उस क्षेत्र में जाने से रोका वन विभाग की टीम लगातार लोगों को उस इलाके में जाने से रोक रही थी। जहां से वन क्षेत्र में जाने का रास्ता था वहां बाघ से कुछ दूरी पर निगरानी भी रखी जा रही थी, लेकिन पप्पू किसी अन्य रास्ते से उस इलाके में बकरियां लेकर चला गया और दुर्भाग्य से बाघ के करीब आने के कारण बाघ ने उस पर पंजे से वार कर दिया। बाघ के एक ही वार से पप्पू की गर्दन टूटने से उसकी मृत्यु हो गई। अभी बाघ की पहचान नहीं हो पाई है कि यह कौन सा बाघ है। पूरे इलाके पर निगरानी रखी जा रही है।-एसीएफ, संजीव शर्मा
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