बीसलपुर को छोड़कर जिले के अन्य बांध और बड़े तालाबों से रबी फसल की सिंचाई के लिए नहरों में पानी छोड़ने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। जल वितरण समितियां पानी छोड़ने की तारीख भी फाइनल करने में जुटी हुई है। धुंआ कला स्थित मोती सागर बांध से भी नहरों में पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया है। इस बांध से 19 नवंबर को रबी फसलों की सिंचाई के लिए नहरों में पानी छोड़ा जाएगा। इससे 7 गांवों की दो हजार से अधिक हेक्टेयर रबी फसल की सिंचाई होगी।
जानकारी के अनुसार इस साल जिले में इस साल एवरेज बारिश 610 एमएम से करीब 100 एमएम बारिश अधिक हुई है। इससे जिले के ही नहीं प्रदेश के बड़े बांधों में शुमार बीसलपुर बांध को छोड़कर अन्य 33 बांधों और बड़े तालाबों में 63 प्रतिशत पानी आया है। इसमें भी गलवा जैसे सिंचाई वाले बड़े बांध पूरे भर गए हैं। इसको लेकर किसानों को बीसलपुर बांध जितना पानी तो नहीं मिल पाएगा, लेकिन फिर भी काफी फायदा मिलेगा। जिले के हजारों किसानों की करीब 35 हजार हेक्टेयर फसलों की सिंचाई हो पाएगी। इन बांधों और तालाबों से अब नहरों में पानी छोड़ने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। नहरों की साफ सफाई पूरी तरह से कर दी है। पानी की चोरी रोकने के लिए सिंचाई विभाग ने पूरे इंतजाम कर लिए हैं। इसके लिए पुलिस की भी मदद ली जाएगी।
एसडीएम, प्रधान की मौजूदगी के लिया पानी छोड़ने का निर्णय
मोती सागर बांध से नहरों में पानी छोड़ने का फैसला गुरुवार शाम को देवली डाक बंगले में हुई जल वितरण समिति की बैठक में लिया है। यह निर्णय भारत भूषण गोयल प्रधान गणेश राम जाट समेत बीसलपुर बांध परियोजना के अधिकारियों की मौजूदगी में लिया गया है।
नहरों में पानी छोड़ने का समय नजदीक आ गया है
जल संसाधन विभाग के एक्सईएन अशोक कुमार जैन ने बताया कि अब बांधों और बड़े तालाबों से रबी फसल में पानी छोड़ने का समय आ गया है। किसानों की राय मशविरा से नहरों में पानी छोड़ने का निर्णय लिया जा रहा है। मालपुरा क्षेत्र के भैरू सागर से भी 24 नवंबर को नहरों में पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया है। इससे भी करीब दो हजार हेक्टेयर जमीन सिंचित होती हैं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.