जैसलमेर के इंदिरा गांधी नहर इलाके में नहर की वितरिका में पत्थर भरे पड़े होने से किसान खासे नाराज हैं। किसानों का कहना है कि इससे पानी आखिरी छोर तक नहीं पहुंच पाएगा और किसानों की बारी पिट जाएगी। किसानों ने नहरी अधिकारियों से पहले पत्थर हटाने और फिर पानी चलाने की मांग की है।
दरअसल, ये पत्थर नहर की वितरिका की मरम्मत के समय अंदर ही रह गए और जब पानी आया तब पत्थरों की वजह से आखिरी छोर तक नहीं पहुंच पाया था। किसानों ने वितरिका का वीडियो जारी कर अधिकारियों से पहले पत्थर हटाने की मांग की है।
पत्थर के कारण पानी आने में परेशानी
किसान नेता साभान खान ने बताया कि इंदिरा गांधी नहर में कई जगह रेत और पत्थर भरे पड़े है। इससे अंतिम छोर पर बैठे किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने बताया कि आज से करीब 5 महीने पहले पालि वितरिका के 35 आरडी से लेकर 70 आरडी तक मरम्मत का काम चलाया गया था। उस दौरान मरम्मत के बाद 3 किमी एरिया में पत्थर नहर की वितरिका में ही डाल दिए गए। उन पत्थरों को नहर से नहीं निकालने से पानी आने के दौरान कई परेशानियां आईं।
उन्होंने बताया कि मंगलवार रात 12 बजे पानी खोलने का नहर के अधिकारियों ने बताया है। जबकि किसान पहले पत्थर हटाने की मांग पर अड़े हैं। किसानों का कहना है कि पत्थरों की रुकावट की वजह से आखिरी छोर तक पानी नहीं पहुंच पाएगा। पहले नहर से पत्थर बाहर निकाले उसके बाद ही पानी छोड़ें।
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