अपने संविधान को जाने सप्ताह के तहत नेहरु युवा केंद्र जैसलमेर में विचार संगोष्ठी व भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्राचार्य हरिवल्लभ बोहरा ने की। मुख्य वक्ता लक्ष्मणसिंह पुरोहित ने कैबिनेट मिशन की योजना से लेकर अभी तक संविधान में हुए 105वंर संविधान संशोधन तक का वर्णन किया। उन्होंने सभी युवाओं को संविधान निर्माण और उसके इतिहास की जानकारी दी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में ब्रिटेन के संविधान के साथ भारत के संविधान की तुलना करते हुए बताया कि भारत का संविधान आज भी पूरी दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है। अध्यक्षीय उद्बोधन में हरिवल्लभ बोहरा ने कहा कि संविधान चाहे कितना भी अच्छा क्यों ना हो उसका तब तक कोई महत्व नहीं होता जब तक उसको चलाने वाला और उसका पालन करने वाला सही न हो। संविधान का महत्व और उसकी उपयोगिता उन लोगों के ऊपर निर्भर करती है जिनके लिए वह संविधान बनाया गया है। बोहरा ने युवाओं को कहा कि उन्हें अपने अधिकारों के साथ साथ कर्तव्यों को भी बोध होना नितांत आवश्यक है। नेहरु युवा केंद्र के कार्यक्रम पर्यवेक्षक राजेंद्र पुरोहित ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से हम युवाओं को एक संदेश देना चाहते हैं कि जिस पुस्तक से हमारा देश चलता है वह पुस्तक किन हालातों में लिखी गई व किन परिस्थितियों में लिखी गई और उसका महत्व आज के समय में भी इतना प्रासंगिक क्यों है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे गांव गांव में युवाओं को संविधान के बारे में अवगत कराएं। इस अवसर पर प्रतिभागी लोकेंद्रसिंह, साले मोहम्मद, करणप्रतापसिंह, कासन खान चानिया, सुजाराम, जैताराम व कमल कुमार भील ने भी अपने विचार रखें। केंद्र के पूर्व प्रशासनिक सहायक खेताराम ने अतिथियों का स्वागत करते हुए नेहरु युवा केंद्र के बारे में अपने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम का संचालन पवनसिंह पंवार ने किया। इस अवसर पर भाषण प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को हमारा संविधान पुस्तक नेहरु युवा केंद्र की ओर से उपहार स्वरुप भेंट की गई।
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