जैसलमेर से लगती भारत-पाक सरहद पर तनोट राय का मंदिर सूर्य ग्रहण के कारण मंगलवार को पूरे दिन बंद रहेगा। सूर्य ग्रहण में मंदिर में पूजा-अर्चना करना वर्जित होता है। इस कारण मंदिर को बंद रखा जाएगा। सैलानियों को माता के दर्शन नहीं होने पर निराश ही लौटना पड़ेगा।
तनोट माता के दर्शन के लिए प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु भारत-पाक सरहद पहुंचते हैं। घूमने आने वाले ज्यादातर सैलानी तनोट माता के दर्शन करने जरूर आते हैं। ऐसे में तनोट माता मंदिर में पूरे दिन चहल-पहल बनी रहती है। आज वापस लौटने वाले सैलानी माता के दर्शन नहीं कर पाएंगे।
चमत्कारी मंदिर के नाम से फेमस
तनोट माता का मंदिर पूरे विश्व में चमत्कारी मंदिर के नाम से विख्यात हैं। इस मंदिर का महत्व पाकिस्तान के साथ 1965 व 1971 में हुए युद्ध के बाद बढ़ गई थी। युद्ध के दौरान पाक सेना द्वारा भारतीय सैनिकों पर गिराए गए तीन हजार से अधिक बम तनोट माता की कृपा से नहीं फटे थे। उनमें से कुछ बम प्रमाण के तौर पर आज भी मंदिर में रखे हुए है।
यह मंदिर भारतीय सेना का लिए विशेष महत्व रखता है और सैनिकों की आस्था का केन्द्र बना हुआ है। यहां आने वाला हर सैनिक तनोट माता के मंदिर में दर्शन जरूर करता है। इस मंदिर की देखभाल सीमा सुरक्षा बल करती है। मंगलवार को सूर्य ग्रहण के कारण मंदिर के कपाट बंद रहने से जैसलमेर घूमने आए सैलानियों को निराशा का सामना करना पड़ेगा।
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