सरकार की ओर से शिक्षा को बढ़ावा देने और बेहतर शिक्षा को लेकर कई तरह के दावे करने के साथ योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। जबकि इसके उलट सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में हालात पूरी तरह से बदली हुई है। शिक्षकों की कमी और पद रिक्तता की समस्या के कारण नौनिहालों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। रेत के टीलों के बीच बसी सुभाषनगर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर सरकार की ओर से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय तो स्थापित कर दिया गया, लेकिन यहां शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं। जिसके कारण विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। हालात यह है कि विद्यालय में 278 छात्र छात्राएं अध्ययनरत है। जिनमें 134 बालिकाएं है और 144 छात्र। जिनके शिक्षण के लिए पर्याप्त शिक्षक ही नहीं है। जिसके कारण विद्यार्थी शिक्षण छोडऩे अथवा अन्यत्र जाकर अध्ययन करने को मजबूर हो रहे हैं। बावजूद इसके शिक्षा विभाग, जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिसका खामियाजा छोटे बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। भाजपा ओबीसी मोर्चा के जिलाध्यक्ष व समाजसेवी खीमाराम सुथार ने बताया कि सुभाषनगर गांव में वर्षों पूर्व विद्यालय की स्थापना की गई थी। समय-समय पर क्रमोन्नति के बाद अब यह विद्यालय उच्च माध्यमिक स्तर का है। यहां 278 छात्र छात्राएं अध्ययनरत है। इस विद्यालय में 1 प्रधानाचार्य तथा व्याख्याताओं व शिक्षकों के 19 पद स्वीकृत है। जबकि यहां वर्तमान में मात्र 5 शिक्षक ही कार्यरत है। जिनमें से 2 शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर है। 3 शिक्षकों के लिए विभाग व प्रशासन की बैठकों, कार्यालय कार्य करने में भी परेशानी होती है तो विद्यार्थियों को पढ़ाना दूर की बात उन्हें संभाल पाना भी मुश्किल हो जाता है। विद्यालय में शिक्षकों की कमी को लेकर ग्रामीणों द्वारा कई बार शिक्षा विभाग व सरकार को अवगत करवाया गया, लेकिन उनकी ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसी से गुस्साए ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा ओबीसी मोर्चा के जिलाध्यक्ष खीमाराम सुथार, जिला परिषद सदस्य जितेन्द्र सुथार, गजेसिंह, मनोहरसिंह, अमरसिंह, चांदाराम, पुराराम, हरपालराम, खेताराम, गिरधरसिंह, प्रेमसिंह, बकूखां, पूनाराम, दलपतसिंह, गुलामखां, अमलखराम, इन्द्राराम सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने विद्यालय के मुख्य द्वार पर विरोध प्रदर्शन कर नारेबाजी की। उन्होंने 2 शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर उन्हें वापिस लगाने और अन्य रिक्त पदों पर नियुक्ति करवाने की मांग करते हुए बताया कि यदि उनकी मांग शीघ्र पूरी नहीं होती है तो ग्रामीणों की ओर से विद्यालय की तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
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