राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशों की पालना में शनिवार को तालुका पोकरण में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन पोकरण न्यायालय परिसर में किया गया।
तालुका पोकरण पर लंबित अपर जिला एवं सेशन न्यायालय, पोकरण के प्रकरण एवं बैंक संबंधित रिकवरी प्रार्थना-पत्रों की सुनवाई के लिए दलपतसिंह राजपूरोहित अपर जिला एवं सेषन न्यायाधीश, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, डॉ. अजय कुमार विश्नोई पोकरण व अति. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, किशन सांदू न्यायाधिकारी, ग्राम न्यायालय सांकडा मु. पोकरण की अध्यक्षता में राजेश विश्नोई, उपखंड अधिकारी पोकरण सदस्य की बेंचों का गठन कर प्रकरणों में सुनवाई की।
बैंक के ऋणी जिन्होंने लोक अदालत की भावना से अपना ऋण समाप्त किया। दलपतसिंह राजपुरोहित अपर जिला न्यायाधीष जैसलमेर द्वारा सम्मानित किया गया। तालुका पोकरण पर गठित तीनों बैंचों द्वारा कुल 518 न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का निस्तारण किया गया साथ ही 32 प्रिलिटिगेशन स्तर पर बैंकों की रिकवरी के मामलों में समझाइश कर निस्तारण किया गया।
पति पत्नी का 8 साल बाद हुआ मिलन
पति-पत्नी मीनाक्षी-मनमोहन के आपसी मनमुटाव के कारण पारिवारिक प्रकरण विगत आठ साल से अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, पोकरण न्यायालय में लंबित था। जिसको पीठासीन अधिकारी डॉ. अजय कुमार विश्नोई एसीजेएम व पक्षकारान के अधिवक्ता राजकुमार व्यास, सरवरखां मेहर, सदस्य राणीदान बोहरा द्वारा समझाइश करवाई गयी। समझाइश के बाद लोक अदालत के समक्ष पति पत्नी ने एक दूसरे को माला पहना कर आठ साल से चल रहे मन मुटाव को समाप्त किया तथा एक दुसरे के साथ रहने के लिए तैयार हुए।
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