जालोर में रोडवेज बस स्टैंड पर राजस्थान रोडवेज के श्रमिक संगठनों के सयुक्त मोर्चा ने पेंशन नियमों में बदलाव, रोडवेज में रिक्त पदों की भर्ती सहित 21 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया। मांग पूरी नहीं होने पर उन्होंने हाइकोर्ट जाने की धमकी दी है।
इस दौरान एटक के पूर्व प्रदेश महासचिव धर्मवीर चौधरी ने कहा कि हमारी प्रमुख मांग खाली पड़े पदों को भरना, दो हजार नई बसें चलाना और वेतन, पेंशन और सेवानिवृत्त परिलाभों का भुगतान करने की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी मांगे पूरी नहीं होगी तो हाइकोर्ट जाएंगे। फिर भी समाधान नहीं होता है तो चक्का जाम किया जाएगा।
रोडवेजकर्मियों की प्रमुख मांगें
वेतन, पेंशन और सेवानिवृत्त परिलाभों का भुगतान प्रत्येक महीने के प्रथम कार्य दिवस पर करने की स्थाई व्यवस्था की जाय। अराष्ट्रीयकृत किए गए सभी मार्गों को वापस राष्ट्रीयकृत किया जाए। 2 हजार नई बसों की खरीद की जाए। 10 हजार रिक्त पड़े पदों पर भर्ती की जाए और नई भर्तियों में अनुबंधित और ऐजेंसी के ड्राइवरों और बस सारथियों को प्राथमिकता दी जाए। सातवें वेतनमान को जनवरी 2016 से लागू किया जाए। जनवरी 2022 से मार्च 2022 तक तीन महीनों का छठें वेतनमान में 7 प्रतिशत की दर से देय बकाया महंगाई भत्ता स्वीकृत किया जाए। रोडवेज में पेंशन का विकल्प खोला जाए। फरवरी 2022 से अगस्त 2022 तक सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान किया जाए। भविष्य में इस तरह के भुगतान बकाया नहीं रखने की स्थाई व्यवस्था की जाए। ड्राइवरों, कंडक्टरों को ओवर टाइम नहीं देने की नीयत से जारी 17 मई 2022 का परिपत्र वापस लिया जाए। राज्य सरकार के पेंशन नियमों के अनुरूप रोडवेज के पेंशन नियमों को संशोधित किया जाए।
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