जवाई बांध के पानी को लेकर किसानों ने भरी हुंकार:SDM ऑफिस पर किया प्रदर्शन, डैम का पानी जवाई नदी में छोड़ने की मांग

आहोर5 महीने पहले
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किसानों ने आहोर विधायक और सिरोही विधायक के नेतृत्व में एसडीएम ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर संभागीय आयुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा। - Dainik Bhaskar
किसानों ने आहोर विधायक और सिरोही विधायक के नेतृत्व में एसडीएम ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर संभागीय आयुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा।

जवाई बांध का पानी सिन्दरू बांध में छोड़ना जल संसाधन विभाग के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। 2 दिन पहले जवाई नदी किनारे बसे गांवों के किसानों ने संभागीय आयुक्त से पानी रोककर जवाई नदी में डालने की मांग उठाई थी। रविवार देर शाम को जालोर, पाली और सिरोही जिले के किसानों ने आहोर विधायक और सिरोही विधायक के नेतृत्व में एसडीएम ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर संभागीय आयुक्त के नाम ज्ञापन सौंपकर बांध का पानी जवाई नदी में छोड़ने की मांग रखी।

इस बार किसानों को सिंचाई में चार पाण पानी देने के लिए जल संसाधन विभाग के जवाई नहर खंड विभाग ने तैयारियां शुरू की है। इसी क्रम में बांध का पानी नहर के माध्यम से सिन्दरू बांध में डायवर्ट किया गया। इसके विरोध में भारतीय किसान संघ ने आहोर विधायक छगन सिंह राजपुरोहित, सिरोही विधायक संयम लोढ़ा से मुलाकात कर उनको जानकारी दी और बांध का पानी जवाई नदी में छोड़ने की मांग रखी। इसके बाद लोढ़ा ने प्रमुख शासन सचिव से फोन पर बात कर जवाई बांध के पानी को सिन्दरू बांध में ले जाने पर रोक लगाने की मांग रखी। इसके बाद संभागीय आयुक्त के निर्देश पर पानी रोका गया।

तीन जिले के किसानों ने भरी हुंकार
रविवार देर शाम को सैकड़ों की संख्या में जालोर, पाली और सिरोही जिले के जवाई नदी किनारे बसे गांवों के किसान आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित और सिरोही विधायक संयम लोढ़ा के नेतृत्व में एसडीएम ऑफिस पहुंचे और जवाई बांध का पानी जवाई नदी में छोड़ने को लेकर प्रदर्शन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री और संभागीय आयुक्त के नाम उपखड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि जवाई-सुकड़ी नदी किनारे पावटा, आहोर, जालोर, सायला बागोड़ा तहसील के 186 गांव बसे हुए हैं। इन गांवों का क्षेत्रफल 3 लाख 233 हेक्टेयर है और कृषि योग्य क्षेत्र 2 लाख 70 हजार 585 हेक्टेयर है।

उन्होंने बताया कि नदियों के प्राकृतिक बहाव बंद होने से केवल 5 फीसदी क्षेत्र ही सिंचित हो रहा है, जबकि बाकी क्षेत्र बंजर हो चुका है। इन क्षेत्रों में किसानों के कुल 16 हजार 327 कुएं और 168 ट्यूबवेल है। इसके अलावा पाली जिले की सुमेरपुर तहसील के 26, सिरोही जिले की शिवगंज तहसील के 20 गांव बसे हुए हैं। इन क्षेत्र की नदियों पर जवाई बांध के अलावा अन्य 16 छोटे बांध बने हुए हैं। कई सालों से जवाई नदी में पानी नहीं छोड़ने से नदी किनारे कुएं सूख चुके हैं। आने वाले समय में पीने के पानी का भी गंभीर संकट पैदा हो सकता है। ऐसी स्थिति में जवाई बांध का पानी नदी में छोड़ना ही समस्या का समाधान है।

ठोस नीति बनाकर कानून बनाने की मांग
किसानों ने ज्ञापन में बताया कि इन सभी समस्याओं के समाधान का कारगर उपाय जवाई बांध का पानी पेयजल के लिए आरक्षित कर शेष पानी के लिए ठोस नीति बनाकर कानून बनाना है। इस पानी में से आधा पानी पीने और आधा पानी नदी में छोड़ना चाहिए। पोसालिया पंचदेवल नदी के बीच बनी पक्की दीवार को हटाने, पाली जिले के जैतारण, रायपुर व सोजत को पीने के पानी के लिए जोधपुर से जोड़ने की मांग रखी। ज्ञापन में यह भी बताया कि इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए किसान और प्रबुद्धजन कई सालों से मांग करते आ रहे हैं।

किसानों ने बताया कि संभाग व जिला स्तर पर भी कई बार बैठकें हो चुकी है, लेकिन आज तक इस पर प्रभावी ढंग से कार्रवाई नहीं हुई। ज्ञापन में 27 अक्टूबर तक बांध का पानी नदी में छोड़ने की मांग की। कार्रवाई नहीं होने पर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी। इस मौके किसान संघ जालोर जिलाध्यक्ष करण सिंह जैतावत थांवला, शिवकुमार राजपुरोहित पलासिया, भैरू सिंह नोवी, महेंद्र गहलोत सुमेरपुर, लालाराम, सोहन माली नोवी, ईश्वरसिंह पोमावा, अर्जुनसिंह कोरटा, रमेश सिंह पुराड़ा, महेन्द्र कुमावत लखमावा, मांगीलाल थांवला समेत सैकड़ों किसान मौजूद रहे।