बसंत पंचमी इस बार उदित तिथि के अनुसार 26 जनवरी को मनाई जाएगी। ऐसा दो साल बाद हो रहा है। इससे पूर्व 2021 में 16 फरवरी और 2022 में पांच फरवरी को बसंत पंचमी थी। जबकि इससे पहले 2020 में 30 जनवरी को ऐसा योग आया था, तब 30 जनवरी को बसंत पंचमी थी। विक्रम संवत में 3 साल में अधिकमास आता है। इस दौरान तिथियों की घटत-बढ़त होती रहती है। इस दिन शिव योग, रवि योग, सिद्ध योग सहित सर्वार्थ सिद्धि का याेग बन रहा है।
इस बार गणतंत्र दिवस और बसंत पंचमी एक ही दिन आने से मंदिरों में विशेष कार्यक्रम होंगे। कई मंदिरों में गणतंत्र की थीम पर विशेष शृंगार होगा। अबूझ मुहूर्त पर कई समाज सामूहिक विवाह सम्मेलन भी करते हैं। हालांकि इस दिन सावे भी बड़ी संख्या में हैं। ज्योतिषाचार्य सुगन नागर ने बताया कि पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का मुहूर्त 25 जनवरी को दोपहर 12:34 बजे से शुरू होगा जो 26 जनवरी को सुबह 10:35 बजे तक रहेगा। बसंत पंचमी का उत्सव प्रात:काल का हाेता है इसलिए यह पर्व 26 काे सुबह मनाया जाएगा।
मां सरस्वती की पूजा करने से मिलती है सफलता
इस विशेष दिन पर मां सरस्वती पूजा का सर्वाधिक महत्व है। नागर ने बताया कि मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन ज्ञान, विद्या और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा करने से सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। हिंदू वेद एवं पुराणों में यह भी बताया गया है कि बसंत पंचमी पर्व को नवीनता का प्रतीक माना गया है। बसंत पंचमी के मां सरस्वती की पूजा कर शिक्षा से जुड़ी चीजें दान की जा सकती है।
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