मंत्रालयिक कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध:11 सूत्रीय मांग को लेकर प्रदर्शन, 29 जनवरी को 2 घंटे करेंगे कार्य बहिष्कार

झालावाड़4 महीने पहले
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राजस्थान मंत्रालयिक कर्मचारी संघ के आह्वान पर मंत्रालयिक कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। - Dainik Bhaskar
राजस्थान मंत्रालयिक कर्मचारी संघ के आह्वान पर मंत्रालयिक कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया।

झालावाड़ में राजस्थान मंत्रालयिक कर्मचारी संघ के आह्वान पर मंत्रालयिक कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। मंत्रालयिक कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष दीपक भाटिया के नेतृव में राजस्व कर्मचारियों ने 11 सूत्रीय मांग को लेकर जिले के 130 कर्मचारियों ने काली पट्टी बांध कर विरोध जताया।

जिलाध्यक्ष भाटिया ने बताया कि झालावाड़ जिले में मंत्रालयिक कर्मचारी संघ के आह्वान पर 8 एसडीओ ऑफिस, 12 तहसील, 1 उप तहसील, ट्रेजरी, सब ट्रेजरी, डीएसओ, इलेक्शन डिपार्टमेंट समेत राजस्व कर्मचारियों ने काली पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई तो 29 जनवरी को विभाग के सभी ऑफिस में मंत्रालयिक कर्मचारियों की ओर से लंच के बाद 2 घंटे कार्य का बहिष्कार किया जाकर ऑफिसों के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा। झालावाड़ में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुष्पेन्द्र सिंह रावत, मोहम्मद रईस खान, अब्दुल शंकर कुरेशी, अनवर हुसेन, नीरज चतुर्वेदी, रमेशचंद सेन, मोहम्मद जावेद खान, भरत कुमार सुमन, दिनेश कुमार सुमन, विजय वर्मा, राधेश्याम चक्रधारी, प्रदीप कुमार शर्मा, चेतना मीना, जगदीश नागर, पंकज आदि उपस्थित रहे।

अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने 15 सूत्री मांगों को लेकर वाहन रैली निकाली और प्रदर्शन किया।
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने 15 सूत्री मांगों को लेकर वाहन रैली निकाली और प्रदर्शन किया।

15 सूत्री मांगों को लेकर कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के 15 सूत्री मांग पत्र की मांगों पर अब तक निर्णय करने के विरोध में कर्मचारियों ने वाहन रैली निकालकर मिनी सचिवालय परिसर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। जिलाध्यक्ष राधेश्याम पंकज की अगुवाई में अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ की ओर से आक्रोश वाहन रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि महासंघ का यह संघर्ष 15 सूत्रीय मांग पत्र की मांगें और घटक संगठनों की सहमतियां व समझौते लागू करने तक निरंतर जारी रहेगा। पिछले 4 सालों से शासन एवं सरकार में सक्षम स्तर पर ज्ञापन एवं मांग पत्र देकर मांगों के निस्तारण के लिए बार-बार निवेदन किया जा रहा है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। 11 जनवरी को प्रदेश के उपखण्ड अधिकारियों के माध्यम से ज्ञापन दिया जा चुका है। इससे प्रदेश के 8 लाख कर्मचारियों में भारी निराशा और आक्रोश पनप रहा है।