युवाओं को खेती-किसानी से जोड़ने के लिए भारतीय किसान संघ की ओर से पांच दिवसीय प्रांत स्तरीय युवा चेतना शिविर आयोजित किया गया। इसमें अतिथियों ने युवाओं के खेती कार्य के प्रति कम होते रुझान पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि युवा किसान ही खेती को नवाचार की ओर ले जा सकते हैं। इसके बाद ही किसानों का शोषण आदि से भी मुक्ति मिल सकेगी।
अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने बताया कि खेती और किसानों के उत्थान में युवाओं को जोड़ते हुए किसानों को अपनी फसलों का वास्तविक मूल्य कैसे प्राप्त हो और खेत से लेकर मंडी व्यवस्था तक हो रहे शोषण को मुक्त कराने के लिए युवा शक्ति को आगे आना और प्रशिक्षण के माध्यम कार्यकर्ता का निर्माण करना भारतीय किसान संघ का लक्ष्य है। आज देश में 14 करोड़ किसान परिवार रहते हैं, लेकिन फिर भी किसान परेशान हैं। फसल का वास्तविक मूल्य नहीं मिलने से खेती से दूर होता जा रहा है। युवा चेतना शिविर के माध्यम से युवाओं को खेती और किसानों से जोड़ना और किसान अपने बीज का उत्पादक स्वयं बने अर्थात अपना बीज अपनी नीति पर कार्य करें। साथ ही साथ वर्तमान सरकार के द्वारा खाद कंपनियों को 2 लाख करोड़ का अनुदान दिया गया। इसका मिश्र ने विरोध करते हुए बताया कि किसानों को यह लाभ सीधा उनके खाते में हस्तांतरित करना चाहिए।
जिला प्रचार प्रमुख महेश मेहर ने बताया कि शिविर में चित्तौड़ प्रांत के सभी जिलों के युवा प्रमुख और सहयुवा प्रमुख के साथ-साथ झालावाड़ जिले की सभी तहसीलों के युवा प्रमुख और सह युवा प्रमुख ने भाग लिया। प्रांत महामंत्री अंबालाल की अध्यक्षता में शिविर संपन्न हुआ। इसमें चित्तौड़ प्रांत के प्रचारक विजयानंद, राजस्थान प्रदेश के कोषाध्यक्ष शिवराज पुरी आदि ने भी युवा किसानों को संबोधित किया।
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