शहर के श्री कृष्ण गौशाला समिति की ओर से गौमाता के साथ ऐतिहासिक तरीके से दीपावली पर्व मनाने के लिए करीब 3 घंटे में समिति के करीब 1100 सदस्यों की ओर से पूजा अर्चना कर कार्यक्रम को विशेष बनाया।
संरक्षक शैलेन्द्र यादव कालू ने बताया कि सभी सदस्यों ने गत दिनों हुई बैठक में सामूहिक निर्णय लेते हुए तय किया था कि दीपावली पर गौ महत्व अधिक रहता है। ऐसे में परिवार सहित आकर वह पूजा-अर्चना करेंगे। वहीं, सदस्यों का मानना है कि गौमाता में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास होता है। ऐसे में गोपूजा से हमें सभी देवताओं की पूजा अर्चना का लाभ मिलेगा। इसके चलते सोमवार को दोपहर 3 बजे पूजा अर्चना शुरू की गई। जहां सबसे पहले समिति संरक्षक अंदर यादव ने परिवार सहित पूजा अर्चना की इसके बाद समिति के अन्य सदस्य धीरे-धीरे आते रहे और पूजा-अर्चनाओं का दौर चलता रहा, जो साढ़े 4 बजे तक चलता रहा। श्रीकृष्ण गौशाला अध्यक्ष दिलीप मित्तल ने बताया कि 1 नवम्बर को गोपाष्टमी के अवसर पर हर वर्ष की भाती नवम गौ परिक्रमा शहर के विभिन्न मार्गों से निकाली जाएगी, जिसके माध्यम से गौ सेवार्थ झोली फैलाई जाएगी।
नए सिंहद्वार का लोकार्पण भी किया
यादव ने बताया कि गौशाला में पुरातन संस्कृति को जीवित करते हुए गोबर से गौशाला को लीपकर मांडने बनाए गए, जो वर्तमान समय में आकर्षण के साथ साथ लोगों को पुरानी संस्कृति की यादें ताजा करवाई गई। पांच दिवसीय दीपावली पर्व के लिए सभी गौसेवकों ने पूरी लगन के साथ तैयारियां की हैं।
गौ पूजन कार्यक्रम में सत्यनारायण जिंदल, महेश हाडा, निर्मल अग्रवाल , श्याम विजय, सूरज नागर, दुर्गाशंकर नागर, कैलाश मेहरा, श्रीलाल गौतम, राजू जोशी, सत्यनारायण, गोवर्धन शर्मा, रामदयाल गोचर, लक्ष्मण माहेश्वरी, कुलदीप सहित कई गौसेवक मौजूद रहे।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.