जयपुर न्यायालय में स्थित न्यायिक कर्मचारी की हत्या के विरोध में बुधवार को अभिभाषक संघ खेतड़ी ने समस्त न्यायालयों का न्यायिक कार्यों का बहिष्कार कर दिया। न्यायालय परिसर में धरने पर बैठकर कर्मचारियों ने मामले की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है। बार एसोसिएशन सचिव मोहम्मद फारूक ने बताया कि दस नवंबर 2022 को एनडीपीएस अधिकारी के जयपुर आवास पर सुभाष मेहरा न्यायिक कर्मचारी मृत अवस्था में मिला था। कर्मचारी को प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया है।
कर्मचारी की मौत होने के बाद भी मामले को सरकार द्वारा मामले को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है तथा मामले की जांच भी प्रभावी तरीके से नहीं होने के कारण पीड़ित के परिवार को न्याय नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने बताया कि एक कर्मचारी की इस तरह से आत्महत्या कर लेना कोई बड़ा कारण हो सकता है। इसलिए सरकार को मामले में दखल देकर उसके निष्पक्ष जांच करवाई जानी चाहिए और जो दोषी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
इस दौरान न्यायिक कर्मचारियों के समर्थन में अभिभाषक संघ ने एक दिन का न्यायिक कार्य का बहिष्कार करने का निर्णय सर्व सम्मति से लिया गया। न्यायालय में कर्मचारियों व वकीलों का न्याय कार्य बहिष्कार कर देने न्यायालय में कोई भी कार्य नहीं हो पाए। जिसके चलते न्यायालय में आने वाले लोगों को बिना काम करवाए ही वापस लौटना पड़ा।
विरोध कर रहे न्यायिक कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि मामले में निष्पक्ष जांच व जल्द ही कोई निर्णय नहीं लिया गया तो कर्मचारियों की ओर से आंदोलन किया जाएगा। इस मौके पर बार अध्यक्ष महावीर प्रसाद जांगिड़, एडवोकेट माडूराम सैनी, धर्मपल खटाणा, अजीतसिंह तंवर, रामसिंह अवाना, पाबुदानसिंह निर्वाण, महेंद्र निर्वाण, हवासिंह बबेरवाल, सुनिल राजोरिया, नंद किशोर, भानु प्रताप, महिपाल दौराता सहित अनेक लोग आदि मौजूद थे।
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