शिल्पकला व पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिए आबूसर में बनाया शिल्पग्राम बदहाली का शिकार है। धीरे धीरे यह असामाजिक तत्वों व शराबियों का अड्डा बनता जा रहा है। यहां बड़ी बड़ी घास उग चुकी है। जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण यह शिल्पग्राम चारागाह बन गया है। यहां बड़ी संख्या में पशु घास चरते दिखाई दिखेंगे।
ये है सुविधाएं
करीब 85 लाख रुपए खर्च कर बने शिल्पग्राम में पर्यटकों को लुभाने के लिए कला दीर्घा स्विमिंग पूल, गेस्ट हाउस, डायनिंग हॉल, ओपन थियेटर आदि बनाए गए थे। लेकिन ना तो पर्यटक आए ना ही शिल्पियों को बढावा मिला।
खर्च किए थे 85 लाख
पर्यटकों के झुंझुनू में ठहराव के लिए आबूसर में ग्राम पर्यटन की तर्ज पर वर्ष 2010 में शिल्पग्राम की स्थापना की गई। 25 बीघा जमीन पर शिल्पग्राम तैयार किया गया। 85 लाख रुपए की लागत से बने शिल्पग्राम में पर्यटकों को लुभाने के लिए स्विमिंग पूल, गेस्ट हाउस, डायनिंग हॉल, ओपन थियेटर, कला दीर्घा आदि बनाए गए थे। लेकिन देखभाल नही होने से यह खंडहर बन कर रह गया है।
असामाजिक तत्वों का अड्डा बना
देखरेख के अभाव में यहां कई सामान चोरी भी हो चुका है। शिल्पग्राम में बनाए गए गेस्ट हाउस, कला दीर्घा, डायनिंग हॉल आदि कई दरवाजे खिड़कियों के गेट चोरी हो चुकी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह शिल्पग्राम धीरे धीरे शराबियों को अड़ा भी बनता जा रहा है । आस पास में आबादी नही होने कारण शराबी यहां आराम से बैठकर पार्टी करते है। उनको कोई रोकने वाला भी नहीं है। विभाग की अनदेखी के कारण शिल्पग्राम अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।
जल्द होगा गुलजार
एडिशनल डायरेक्टर पर्यटन विभाग देवेंद्र चौधरी ने बताया कि बजट मिला है। जल्द काम शुरू हो जाएगा।
सुधार की तैयारी कर ली गई है, बजट मिला है, शिल्पग्राम जल्दी ही गुलजार होगा।
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