जिले के गुढ़ागौड़जी पुलिस ने एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोपी वेश बदलकर पकड़ा है। आरोपी को पकड़ने के लिए सूचना तंत्र का भी अहम रोल माना जा रहा है। इसके लिए खुद एसएचओ कई बार सम्भावित ठिकानों पर कभी ग्रामीण बने, कभी ग्वाल तो कभी कई वेश बदले। एसपी मृदुल कच्छावा द्वारा इस अचीवमेंट के लिए रिवार्ड की सिफारिश की जा रही है।
एसएचओ वीर सिंह ने बताया कि 19अप्रैल 1996 को काटली नदी में बकरी चराने गई एक 14 साल मासूम के साथ दुष्कर्म का मुकदमा पीड़िता के पिता ने दर्ज कराया था। रिपोर्ट में सीताराम पुत्र जग्गुराम माली निवासी गुडा के खिलाफ लिखा है कि मासूम को डराया धमकाया और विरोध किया तो मारपीट की। इसके बाद मासूम के साथ दुष्कर्म किया।
मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपी फरार होकर हरियाणा चला गया। हरियाणा में 5-7 दिन रुककर गुजरात के अहमदाबाद चला गया। यहां 6माह तक मजदूरी करने के बाद पुलिस के डर से महाराष्ट्र के बांद्रा चला गया।
यहां नाम बदलकर राजेन्द्र के नाम से रहने लगा। यहां से भी जगह बदलकर कई स्थानों पर मजदूरी करता रहा। यह कभी गुजरात तो कभी महाराष्ट्र तो पंजाब, कन्याकुमारी, तमिलनाडु आदि जगह फरारी काटता रहा है।
फरारी के दौरान महाराष्ट्र में रचाई शादी
फरारी के दौरान आरोपी ने गुजरात मे महाराष्ट्र बोर्डर के पास रहने वाली एक लड़की से 2018 में शादी रचाई। दो साल बाद इसके जुड़वा बच्चे हुए। करीब 6 माह पहले इसकी पत्नी छोड़कर चली गई। इसने महाराष्ट्र में गंगा की गुमशुदगी दर्ज कराई। इसने बच्चों को अपनी बहिन के पास गुहाला छोड़ा तब पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि यह आजकल यहां आ रहा है।
एसएचओ ने बदला वेश
मुखबिर से पुलिस को इसके आने की सूचना लगी। एसएचओ प्राइवेट कार से वेश बदलकर पोसाना टोल से आगे पहुंच गए। आरोपी बस में सवार था जो झूंझुनूं होते हुए पंजाब जाने की फिराक में था। ग्रामीण की तरह कुर्ता धोती पहने एसएचओ वीरसिंह ने कॉन्स्टेबल हरेंद्र को अपने साथ रखा। एसआई उमराव जाट को प्रदूषण जांच वाहन के पास निगरानी के लिए बैठा दिया। जैसे ही बस टोल के नजदीक आई उससे पहले रुकवाकर आरोपी को पकड़ लिया।
विशेष अभियान के तहत पकड़ा
पुलिस मुख्यालय द्वारा वांछित अपराधियों की धरपकड़ के लिए गत 1मार्च 2023 से विशेष अभियान चल रहा है। एसपी मृदुल कच्छावा ने भी इस संबंध में सभी थानों को अलग अलग टास्क दे रखे है। एसके तहत आरोपी पकड़ा गया।
कई एसएचओ बदले
1996 से लेकर अब तक थाने में 38 एसएचओ लगाए गए लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। एसएचओ वीर सिंह ने इसमें सफलता पाई तो एसपी मृदुल कच्छावा ने रिवार्ड दिलाने की सिफारिश की बात कही है।
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