अगले माह अर्द्धवार्षिक परीक्षा होनी है, जबकि जिले के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के सैकड़ों पद खाली चल रहे है। शिक्षकों की कमी के चलते कई सरकारी विद्यालयों में बहुत से विषयों के पाठ्यक्रम पूरे नहीं हुए है। ऐसे में बच्चे आधी अधूरी पढ़ाई के साथ अर्द्धवार्षिक परीक्षा देंगे। जिले में कई ऐसे विद्यालय है जो बगैर संस्था प्रधानों के संचालित हो रहे है।
हालांकि सरकार की ओर से विद्या संबल योजना के तहत रिक्त पदों पर गेस्ट शिक्षक लगाने की तैयारी को देखकर नौनिहालों को कुछ आस जगी थी, लेकिन भर्ती के स्थगित होने के बाद वह उम्मीद भी धूमिल हो गई। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने आधा सत्र तो तबादलों में ही निकाल दिया और अब तक भी तबादला सूची थमने का नाम नहीं ले रही ।
इन्हीं तबादलों के कारण सरकारी विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था बिगड़ती चली गई और अब भी सुधरने का नाम नहीं ले रही, जिसके कारण विद्यालयों में पढ़ाई का माहौल ही नहीं बना। इसके अलावा बड़ी संख्या में स्कूलों को क्रमोन्नत कर दिया गया, जिससे कक्षा तो बढ़ी है, लेकिन अध्यापक उतने ही रहे। ऐसे में विद्यालयों में बगैर शिक्षकों के पढ़ रहे बच्चे खुद को ठगा सा महसूस कर रहे है।
अगर वार्षिक परीक्षा तक भी ऐसी ही स्थिति बनी रही तो सरकारी विद्यालयों के नौनिहालों का बोर्ड और गृह परीक्षा परिणाम कैसा रहेगा, इसका बखूबी अंदाजा लगाया जा सकता है।
बच्चों की संख्या
कक्षा 1 से 8 101451
कक्षा 9 से 12 204189
जिले में शिक्षकों के खाली पद
पद स्वीकृत कार्यरत रिक्त
प्रधानाचार्य 532 468 64
उप प्रधानाचार्य 432 00 00
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.