झुंझुनूं जिले के किशनपुरा गांव की एक महिला और उसके बेटे को कमरे में बंद कर 12 जनवरी को मारपीट की गई। महिला ने इसकी शिकायत मेहाड़ा थाने में दर्ज कराई। अब महिला का आरोप है कि पुलिस आरोपियों से मिल गई है और मामले की जांच निष्पक्ष तरीके से नहीं कर रही है। महिला ने निष्पक्ष अधिकारी से जांच कराने की मांग की है।
शुक्रवार को अनुसूचित जाति जनजाति संगठनों के अखिल भारतीय परिसंघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदेशाध्यक्ष डॉ इंद्राज सिंह के नेतृत्व में पीड़ित महिला ने CM और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जयपुर को ज्ञापन देकर न्याय की गुहार लगाई।
पीड़ित महिला ने बताया कि 12 जनवरी को उसके पडोस में रहने वाले बजरंग सिंह, उसके बेटे नरेंद्र, सरोज देवी, यशवीर, प्रदीप सिंह लाठी-डंडे लेकर उसके घर में घुसे। गाली गालौज करते हुए हमला कर दिया। उसे व उसके बेटे को घसीटते हुए बजरंग सिंह के घर ले गए। वहां कमरे को बंद कर मारपीट की। जिससे वह और उसका बेटा दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।
महिला ने बताया कि मेहाड़ा थाने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इससे पूर्व भी इनके खिलाफ मारपीट व चोरी का मामला दर्ज करवाया था, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। महिला ने आरोप लगाया है कि मेहाड़ा थाना पुलिस आरोपियों की मदद कर रही है। आरोपी आए दिन हमले कर रहे हैं। जान से मारने की धमकी दी जा रही है। पुलिस से मिलकर आरोपियों ने उन पर झूठी एफआईआर भी दर्ज करवा दी है। पुलिस उल्टा उन्हें ही फंसा रही है।
इस संबंध में अखिल भारतीय परिसंघ के प्रदेशाध्यक्ष इंद्राज सिंह ने भी मुख्यमंत्री के नाम दिया है। जिसमें मामले की निष्पक्ष जांच कर पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की मांग गई। उन्होंने बताया कि किशनपुरा के पूर्व क्षेत्र में अरावली पहाड़ी क्षेत्र है। इसी क्षेत्र में दलित एवं पिछडे़ जातियों के गरीब परिवारों को काश्त के लिए जमीन आवंटित की थी।
उन्होंने बताया कि उक्त जमीन पर अवैध खनन होता है। इस संबंध में खेतड़ी में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी । इस कारण मेहाड़ा थाना क्षेत्र में दलितों व पिछड़ों को भूमिहीन बनाया जा रहा है व इन्हें भूमि से बेदखल करने के लिए लगातार हमले करवाए जा रहे हैं। स्थानीय पुलिस खनन माफियों की मदद कर रही है।
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