सरकार के खिलाफ बगावती तेवर दिखा रहे राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा है कि वो किसी भी पार्टी के भरोसे नही हैं। जनता उनकी शक्ल पर उन्हें वोट देती है। उन्होंने कहा कि मेरा जेल जाने का लाइसेंस इस बार रिन्यू नहीं हुआ है, जबकि मैं पांच साल में एक बार तो जेल चला ही जाता हूं।
पायलट समर्थक गुढ़ा लंबे समय से सरकार से नाराज हैं। कभी गहलोत के कट्टर समर्थक माने जाने वाले गुढ़ा अब पायलट कैंप के विश्वस्तों में शामिल हैं। वे सार्वजनिक मंचों व इंटरव्यू में लगातार सचिन को मुख्यमंत्री बनाने की बात करते रहे हैं।
गुरुवार को भी गुढ़ा के तल्ख तेवर नजर आए। उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में भी निर्दलीय या किसी अन्य पार्टी से चुनाव लड़ सकते हैं। दरअसल, राज्यमंत्री एक क्रिकेट टूर्नामेंट के कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि- मैं खुद अपने दम पर चुनाव जीतता हूं। हाथ और फूल के दम पर चुनाव नहीं लड़ता। मुझे किसी की मेहरबानी की आवश्यकता भी नहीं है। मेरे काम की वजह से जनता साथ है। वे बोले- अपने क्षेत्र की जनता ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है इसलिए उन्हें किसी का डर नहीं लगता।
कहा-जेल जाने का लाइसेंस बना हुआ है
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पांच साल में एक बार जेल जाने का लाइसेंस बना हुआ है। इसलिए मैं पांच साल में एक बार जेल चला जाता हूं। लेकिन, इस बार मेरा लाइसेंस रिन्यू नहीं हुआ है।
राहुल गांधी, पायलट और केंद्र पर फोकस
गुढ़ा ने राहुल गांधी की यात्रा को देश के इतिहास में सबसे बड़ी यात्रा बताया है। उन्होंने कहा आज तक किसी भी सियासतदार ने इतनी बड़ी यात्रा नहीं निकाली है। राहुल गांधी के नेतृत्व में वह सब एकजुट हैं। उन्होंने एक बार फिर सचिन पायलट का समर्थन करते हुए कहा कि युवाओं को सियासत की मुख्यधारा में लाना चाहिए।
भाजपा को घेरा: वे बोले- आने वाले समय में भाजपा को प्रदेश व देश से हटाकर पूरे देश में अमन कायम करेंगे। नरेन्द्र मोदी व अमित शाह का हिन्दुस्तान की जमीन से नामो निशान मिटा देंगे। गुढ़ा बोले- ताकत के बल पर जब पीएम और शाह कर्नाटक, गोवा व मध्यप्रदेश में चुनी हुई सरकार को गिराने के बाद राजस्थान आए तब मैं ही उनके सामने ताल ठोक के खड़ा हुआ था। मोदी और शाह को वापस भेजने का काम किया था।
लंबे समय से मोर्चा खोल रखा है
राजेंद्र सिंह गुढ़ा और दिव्या मदेरणा ने 25 सितंबर से ही गहलोत कैंप के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक का गहलोत कैंप के विधायकों के बहिष्कार के बाद से गुढ़ा और दिव्या हमलावर रुख अपनाए हुए हैं। गुढ़ा पायलट की पैरवी करते हुए सीएम गहलोत पर पावर सेंट्रलाइज करने का आरोप लगा चुके हैं।
दिव्या मदेरणा ब्यूरोक्रेसी के कामकाज पर सवाल उठाते हुए गहलोत कैंप को घेर रही हैं। सियासी बगावत के बाद से सरकार के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा अपनी ही सरकार के खिलाफ माेर्चा खोले हुए हैं। एक दिन पहले उन्होंने बयान दिया था- चुनावों में फॉर्च्यूनर में बैठने जितने आएंगे कांग्रेस के विधायक।
गहलोत पर बोला था हमला
मंत्री राजेंद्र गुढ़ा दो दिन पहले सीएम गहलोत पर पावर सेंट्रलाइज करने और मंत्रियों की नहीं चलने को लेकर हमला बोल चुके हैं। विधायक दल की बैठक के बहिष्कार का जिम्मेदार ठहराते हुए मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ को 27 सितंबर को ही नोटिस देकर 10 दिन में जवाब मांगा था। तीनों नेता नोटिस का जवाब दे चुके हैं लेकिन अब तक कांग्रेस हाईकमान ने इस मुद्दे पर कोई एक्शन नहीं लिया है।
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एक दिन पहले बोले थे: चुनावों में फॉर्च्यूनर में बैठने जितने आएंगे कांग्रेस के विधायक
एक दिन पहले ही गुढ़ा ने सरकार को निशाने पर लिया था। गुढ़ा ने चुनावों में 10 से भी कम विधायक आने का दावा किया है। गुढ़ा ने यहां तक कह दिया कि सचिन पायलट को सीएम नहीं बनाया तो चुनावों में कांग्रेस के एक कार में बैठने जितने ही विधायक जीतेंगे। गुढ़ा के बयान का कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने भी समर्थन किया। कांग्रेस सरकार के मंत्री और विधायक के इस बयान की सियासी हलकों में खूब चर्चा हो रही है। (यहां पढ़ें पूरी खबर)
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