नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी हेमंत सैनी ने फरवरी में नियुक्त चार बागवानों की नियुक्ति को शून्य घोषित करते हुए नियुक्ति आदेश वापस ले लिए हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष के कुछ पार्षद नियुक्ति की प्रक्रिया को दूषित बताते हुए निरस्त कराने के लिए एक सप्ताह से आंदोलन कर रहे थे।
नगर पालिका प्रशासन द्वारा भ्रष्टाचार करके गलत तरीके से नियुक्त चार बागवानों की भर्ती को निरस्त कराने के लिए भाजपा व कांग्रेस पार्टी के कुछ पार्षद भाजपा नेता यतेंद्र सैनी के नेतृत्व में करीब एक सप्ताह से आंदोलन कर रहे थे। पालिका प्रशासन की खिलाफत करने वाले पार्षदों ने डीएलबी के डॉयरेक्टर, स्वायत्त शासन सचिव, उप निदेशक सहित कई अधिकारियों को ज्ञापन देकर मामले की जांच कराने व नियुक्ति को निरस्त कराने की मांग कर चुके हैं।
नियुक्ति का विरोध करने वालों में भाजपा नेता यतेंद्र सैनी, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र ढेनवाल, पालिका उपाध्यक्ष रुकसाना बानो, पार्षद घनश्याम स्वामी, दिनेश सैनी, उमेश कुमावत, सीताराम जांगिड़, मनीष जांगिड़, तेजस छीपा, शिवदयाल स्वामी, संदीप सोनी, माहिर खान, राधेश्याम रचेता आदि शामिल थे।
उदयपुरवाटी नगर पालिका ईओ हेमंत सैनी ने बताया कि नियुक्ति की पत्रावली को चैक करने पर कुछ खामियां थी। आवश्यक दस्तावेज नहीं थे और प्रक्रिया उचित नहीं थी। उच्च अधिकारियों से विचार करने के बाद नियुक्ति को शून्य घोषित करने के आदेश जारी किए गए हैं।
भाजपा नेता यतेन्द्र सैनी ने कहा कि बागवानों की नियुक्ति पूरी तरह से नियम विरूद्ध और भ्रष्टाचार से लिप्त भर्ती थी। प्रदेश के युवा इस तरह के भ्रष्ठ आचरण के राजनेताओं के शोषण का शिकार हो रहे है। हम ईमानदारी पूर्वक भर्ती करवाना चाहते हैं। उदयपुरवाटी नगरपालिका पिछले डेढ़ साल से भ्रष्टाचार की यूनिवर्सिटी बन गई है। इसलिए हम एक सप्ताह से आंदोलन कर रहे थे।
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