जोधपुर में समाज कल्याण विभाग के हॉस्टल में पढ़ने वाले बच्चों को खाने में फूड पॉयजनिंग की शिकायत के बाद एमडीएम (मथुरादास माथुर) हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया है। बताया जा रहा है कि बच्चों को खाने में खराब दाल दी गई थी।
इसके बाद कई बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। अब तक अस्पताल में लगभग 10 बच्चे लाए जा चुके हैं। जिनका इलाज किया जा रहा है। फिलहाल सभी की हालत खतरे से बाहर है। हॉस्टल में पढ़ने वाले छात्रों ने आरोप लगाया कि उन्हें खाने में बासी दाल खिलाई गई।
छात्रों ने बताया कि हॉस्टल के मैस में दाल 5 फरवरी को दोपहर 2 बजे बनी थी। जिसे दूसरे दिन 6 फरवरी की सुबह 11 बजे छात्रों को सर्व कर दी गई। इसको लेकर हॉस्टल के इंचार्ज को बताया तो उन्होंने यही दाल गर्म करके खाने को कह दिया।
इसके बाद उनके साथ ही हॉस्टल के 40-50 बच्चों ने यह दाल खाई थी। खाना खाने के बाद रात को तबीयत बिगड़ने लगी। हॉस्टल में रह रहे कई बच्चों के पेट में दर्द होने लगा और उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। हालत ज्यादा खराब होने पर उन्हें सुबह जोधपुर के एमडीएम अस्पताल लाया गया। इसके बाद इनका इलाज शुरू हुआ।
इतना सब हो जाने के बाद भी काफी देर तक हॉस्टल का वार्डन मौके पर नहीं पहुंचा। अस्पताल की ओर से समाज कल्याण विभाग को सूचना दी गई। घटना का पता लगने के बाद कई छात्रों के परिजन भी हॉस्पिटल पहुंचे और अपने बच्चे के इलाज के बारे में जानकारी ली।
अस्पताल अधीक्षक डॉ विकास राजपुरोहित ने बताया कि फूड पॉयजनिंग की शिकायत के बाद इन बच्चों को यहां के ट्रॉमा सेंटर में लाया गया था। इनका तुरंत इलाज शुरू कर दिया गया है और उनकी हालत ठीक है। यहां फिलहाल 10 बच्चे लाए गए हैं। जिनका यलो कैटेगरी में इलाज किया जा रहा है।
इधर इस मामले को लेकर सीएमएचओ डॉ जितेंद्र राजपुरोहित ने बताया फूड पॉयजनिंग की घटना के बाद चिकित्सा विभाग की टीम सैंपल लेने के लिए गई है। सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा किस वजह से ऐसा हुआ।
फिलहाल हॉस्पिटल में झूमर राम (18), सूखा राम (16), सांवर राम (14) अमृत भाटिया (17), हेमाराम (16), अशोक (25), वीरेंद्र (18), मेघराज (15), राजूराम (16), रमेश (17) का इलाज चल रहा है। सभी की हालत खतरे से बाहर है।
स्टूडेंट की शिकायत के बाद एसडीएम अपूर्वा परवाल ने स्टूडेंट्स और उनके परिजनों से भी बात की। उनके इलाज के बारे में जानकारी ली। परवाल ने बताया कि घटना को लेकर सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक से रिपोर्ट मांगी गई है।
वहीं विभाग के उपनिदेशक अनिल व्यास ने बताया दिन में 1 बार दाल बनाई जाती है। बच्चों की शिकायत को लेकर जांच की जाएगी।
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