पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
(राजेश त्रिवेदी). केंद्र सरकार ने जोधपुर में 400 करोड़ लागत के प्रस्तावित जोजरी रिवर फ्रंट को क्लीन गंगा में शामिल किया है। इससे 10 साल पुराने प्रोजेक्ट के अब धरातल उतरने की पूरी उम्मीद है। इसे अहमदाबाद की साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर ही विकसित किया जाना है। राज्य सरकार इसकी लागत देखकर केंद्र सरकार की ओर देख रही है। इधर, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत जोधपुर के इस बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट को मंत्रालय के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट क्लीन गंगा में शामिल कर लिया है।
ऐसे में सालावास से बनाड़ तक कुल 31 किमी लंबी रिवर फ्रंट के डवलपमेंट के लिए केंद्र सरकार अगले साल 500 करोड़ रु. का बजट प्रावधान कर सकती है। 31 किमी लंबे रिवर फ्रंट के दोनों किनारों पर कंक्रीट बिछाकर उसे टूरिस्ट स्पॉट के तौर पर विकसित करने की योजना है।
इसके लिए सालावास से बनाड़ तक नदी में 38.5 मीटर चौड़ाई के 8 चैनल (बंध) बनाए जाएंगे। इसके लिए 12.35 बीघा यानि 19,982 वर्गमीटर जमीन अधिग्रहित की जानी प्रस्तावित है। रिवर फ्रंट के चैनल में पानी रखने के लिए 150 एमएलडी पानी की जरूरत दर्शाई गई है।
वर्तमान में तीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से 120 एमएलडी उपचारित पानी जोजरी में छोड़ा जा रहा है। ऐसे में 30 एमएलडी अतिरिक्त पानी की जरुरत रहेगी। इसके लिए 49 एमएलडी उपचारित पानी के लिए 6 एसटीपी बनाने प्रस्तावित हैं। इसके अलावा रिवर फ्रंट के दोनाें ओर ग्रीन स्पेस, एम्यूजमेंट पार्क, कैफेटेरिया व अन्य सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।
रिवर फ्रंट की प्राथमिकताएं - वाटर ट्रीटमेंट: कुल लागत - 85.6 करोड़ रुपए
जोजरी नदी बारिश में बहती है, लेकिन आम दिनों में सूखी ही रहती है। नदी में 12 महीने पानी रखने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से इसमें उपचारित पानी छोड़ा जाएगा। इसके लिए बनाए जाने वाले 8 चैनल (बंध) में 221 एमएलडी पानी की जरूरत रहेगी। तीन ट्रीटमेंट प्लांट चालू हैं।
इनसे 120 एमएलडी सीवेज पानी उपचारित हो रहा है। बासनी बेंदा में 40 एमएलडी का एसटीपी निर्माणाधीन है, ऐसे में आने वाले तीन साल में बनाड़-खोखरिया में 5, उचियारडा में 10, विवेक विहार में 15, झालामंड में 10, शोभावतों की ढाणी में 10, पॉलिटेक्निक कॉलेज में 2 एमएलडी के एसटीपी बनेंगे। झालामंड में सीवरेज नेटवर्क के बाद एसटीपी बनना प्रस्तावित है।
एरिया डवलपमेंट
बनाड़ से सालावास के बीच रिवर फ्रंट का बेस तैयार किया जाएगा। इसमें ग्रीन स्पेस, साफ पानी के चैंबर और एम्यूजमेंट पार्क सहित कैफेटेरिया को प्रस्तावित किया गया है। चैनल (बंध) के लिए कुल 465 बीघा भूमि की जरूरत रहेगी। इसके अलावा दोनों तरफ 30-30 मीटर भूमि ग्रीन स्पेस के लिए होगी। 1,064 बीघा जमीन सरकारी है, जिसे कॉमर्शियल व अन्य उपयोग के लिए काम लेकर राजस्व भी जुटाया जा सकता है।
अधूरे नाले के पूरे होने की उम्मीद बंधी
प्रोजेक्ट एक नजर में
कितनी जमीन की जरूरत
कुल अवाप्त जमीन 12.35 बीघा विक्रय योग्य जमीन 192 बीघा कुल सरकारी जमीन 1064 बीघा
पॉजिटिव- आप अपने व्यक्तिगत रिश्तों को मजबूत करने को ज्यादा महत्व देंगे। साथ ही, अपने व्यक्तित्व और व्यवहार में कुछ परिवर्तन लाने के लिए समाजसेवी संस्थाओं से जुड़ना और सेवा कार्य करना बहुत ही उचित निर्ण...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.