पाकिस्तान बॉर्डर के नजदीक स्थित जोधपुर एयरबेस पर इन दिनों दुनियाभर के देशों की निगाहें टिकी हुई हैं। यहां के आसमान में गूंजती राफेल, सुखोई और तेजस जैसे एडवांस्ड फाइटर की आवाजें दुश्मनों को डराने के लिए काफी हैं। दरअसल, इन दिनों यहां इंडिया और फ्रांस की एयरफोर्स के बीच गरुड़-7 युद्धाभ्यास किया जा रहा है।
करीब दस दिन से जारी इस एक्सरसाइज में आज दोनों देशों के एयर चीफ ने भी फाइटर जेट्स में करीब एक घंटे तक उड़ान भरी। इस एक्सरसाइज में हवा में फ्यूल से भरने से लेकर वेपन सिस्टम के नए सिरे से यूज करने की प्रैक्टिस की गई। मंगलवार को एक साथ 10 फाइटर जेट और एक ट्रांसपोर्टर एयरक्राफ्ट ने बेस से उड़ान भरी। यह फाइटर जेट हवा में प्रैक्टिस करते रहे, वहीं ट्रांसपोर्टर एयरक्राफ्ट ने हवा में विमानों में फ्यूल भरने की प्रैक्टिस की।
मंगलवार को सुबह 11 बजकर 20 मिनट पर जोधपुर एयरबेस से राफेल, सुखोई और तेजस फाइटर जेट ने उड़ान भरी। खास बात ये भी रही कि इस युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने राफेल और फ्रांसीसी एयरफोर्स 'फ्रेंच आर्मी डे एयर' के चीफ जनरल स्टीफन ने सुखोई में को-पायलट के तौर पर उड़ान भरी।
दिल्ली में हुई थी मुलाकात
वहीं सोमवार को दिल्ली स्थित वायुसेना मुख्यालय में दोनों देशों के चीफ की मुलाकात हुई। दोनों ने युद्धाभ्यास, आपस में सहयोग के बारे में विस्तार से चर्चा की।
ये दूसरा मौका है जब जोधपुर एयरबेस पर गरुड़ युद्धाभ्यास के दौरान दोनों देशों के चीफ ने एक दूसरे के फाइटर उड़ाए। इससे पहले साल 2014 में गरुड़ के 5वें संस्करण के दौरान भारतीय वायुसेना के तत्कालीन चीफ अरूप राहा और फ्रांसीसी चीफ डेनिस मेर्सियर ने उड़ान भरी थी।
छह युद्धाभ्यास हो चुके हैं
दोनों देशों की एयरफोर्स के बीच गरुड़ सीरिज के पहले छह युद्धाभ्यास हो चुके हैं, उनमें से तीन भारत में और तीन फ्रांस में हुए हैं। वर्ष 2014 में जोधपुर में यह युद्धाभ्यास हो चुका है। इस युद्धाभ्यास के बाद ही भारत के राफेल खरीदने के सौदे ने तेजी पकड़ी थी और आज राफेल इंडियन एयरफोर्स का हिस्सा बन चुका है।
फ्रांस वायु सेना के 220 जवानों की टुकड़ी के साथ जोधपुर में युद्धाभ्यास कर रही है। बताया जा रहा है कि 12 नवंबर तक यह युद्धाभ्यास चलेगा। दोनों देशों की सेनाओं के बीच यह सातवां अभ्यास है। इससे पहले पहला, तीसरा और पांचवां अभ्यास 2003, 2006 और 2014 में वायु सेना स्टेशन ग्वालियर, कलाईकुंडा और जोधपुर में आयोजित किया गया था।
दो वर्ष पूर्व हुआ था डेजर्ट नाइट
जोधपुर के आसमान में 2 वर्ष पहले से भारत और फ्रांस के फाइटर्स जेट राफेल के बीच रोमांचक मुकाबला हो चुका है। डेजर्ट नाइट नाम का यह युद्धाभ्यास जोधपुर एयरबेस पर हुआ था। थार के रेगिस्तान में युद्धाभ्यास होने के कारण इसका नाम डेजर्ट नाइट रखा गया। यह युद्धाभ्यास दोनों देशों के बीच नियमित रूप से होने वाले युद्धाभ्यास गरुड़ से अलग था।
सामरिक विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ माह से राफेल उड़ा रहे भारतीय पायलट अपनी क्षमता दर्शाएंगे। वहीं कई बरस से राफेल उड़ा रहे फ्रांस एयरफोर्स के पायलटों से मुकाबला करने के साथ उन्हें इस विमान के बारे में काफी कुछ सीखने को मिलेगा। युद्धाभ्यास के दौरान दोनों देशों के पायलट्स अपने अनुभवों को एक-दूसरे से शेयर करेंगे।
युद्धाभ्यास के लिए इसलिए जोधपुर को चुना
थार के रेगिस्तान का सिंह द्वार कहलाने वाले जोधपुर का मौसम अमूमन एकदम साफ रहता है। वहीं यहां का तापमान दोनों देशों के पायलट्स और अन्य स्टाफ के लिए पूरी तरह से मुफीद है। जोधपुर से सीमा क्षेत्र तक बगैर किसी रुकावट के लंबी दूरी तक उड़ान भर सकते हैं। 8 साल पहले जोधपुर में राफेल उड़ाने वाले पायलट्स को यहां का मौसम बहुत रास आया था।
उन्होंने कहा भी था कि फ्रांस में हमें इस तरह मुक्त आकाश नहीं मिलता है। साथ ही जोधपुर एयरबेस काफी पुराना होने के साथ पश्चिमी सीमा का सबसे महत्वपूर्ण एयरबेस माना जाता है। इन कारणों से इस युद्धाभ्यास के लिए जोधपुर को चुना गया।
8 साल पहले भी जोधपुर में गरजे थे राफेल
साल 2014 में भारत-फ्रांस वायुसेना के संयुक्त युद्धाभ्यास गरुड़ में राफेल जोधपुर में अपनी ताकत दिखा चुका है। उस समय राफेल और सुखोई के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिला था। इस युद्धाभ्यास में फ्रांस के एयर चीफ डेनिस मर्सियर ने सुखोई से उड़ान भरी थी।
तत्कालीन एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने सबसे पहले जोधपुर में ही राफेल उड़ा इसका परीक्षण किया था। इसके बाद राफेल सौदा तेजी से आगे बढ़ा। इस सौदे की नींव सही मायने में जोधपुर के युद्धाभ्यास के दौरान राफेल की क्षमता को जांचने और परखने के बाद ही रखी गई थी.
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जोधपुर में भारत और फ्रांस की एयरफोर्स का संयुक्त युद्धाभ्यास 26 अक्टूबर से शुरू हुआ। यह 12 नवंबर तक चलेगा। इस वॉर प्रैक्टिस के जरिए दोनों देशों की एयरफोर्स के पायलट्स एक-दूसरे के साथ अपने अनुभव साझा कर रहे हैं। इस प्रैक्टिस में दोनों देशों के फाइटर प्लेन हवा से हवा में टारगेट को हिट करने और सबसे खास मिड एयर रीफ्यूलिंग, यानी हवा में ही एक प्लेन से दूसरे प्लेन में फ्यूल भरने की ट्रेनिंग ले रहे हैं। खास बात यह है कि 400kmph प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा में ही राफेल समेत 5 फाइटर प्लेन और प्रचंड हेलिकॉप्टर में फ्यूल भरा जा रहा है। (पूरी खबर के लिए क्लिक करें)
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