राष्ट्रपति ने ANM इंदुलक्ष्मी को किया सम्मानित:वैक्सीनेशन का तैयार किया था माइक्रो प्लान, राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान

जोधपुर6 महीने पहले
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राष्ट्रपति से सम्मान ग्रहण करती इंदुलक्ष्मी सांखला। - Dainik Bhaskar
राष्ट्रपति से सम्मान ग्रहण करती इंदुलक्ष्मी सांखला।

सरकारी सेवा में रहते हुए भी यदि कोई कर्मचारी लीक से हटकर कुछ अलग करने की ठान लेता है तो कुछ दिक्कतें अवश्य आती है। लेकिन वह एक अलग ही मुकाम हासिल कर लेता है। इसे चरितार्थ किया है जोधपुर शहर के लक्ष्मी नगर स्वास्थ्य केन्द्र पर कार्यरत एएनएम इंदु लक्ष्मी सांखला ने।

गत दिनों राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले पचास लोगों को सम्मानित किया उनमें इंदु लक्ष्मी भी शामिल थीं। राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होने के गर्व भरे अहसास के साथ जोधपुर लौटी इंदु लक्ष्मी ने बताया कि मैने 24 वर्ष पहले जब से नौकरी शुरू की। हर वर्ष अपने दैनिक कार्य के अलावा एक विशेष कार्य करने का तय किया।

चार दिन बाद होने वाली बेटी की शादी की तैयारियों में जुटी इंदु लक्ष्मी ने बताया कि उनकी सास शकुंतला व ससुर नारायण सिंह भी इसी पेशे से जुड़े थे। मेरे ससुर पूरे क्षेत्र में लोगों को घर पर चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवाते। वहीं मेरी सास हमेशा लोगों के घर जाकर महिलाओं की डिलीवरी करवाती थीं। मैंने इन दोनों को हमेशा पूरी शिद्दत के साथ अपने काम में जुटे देखा। इन दोनों की प्रेरणा से मुझे भी अपने कार्य के प्रति लगन पैदा हुई।

वैक्सीनेशन का माइक्रो प्लान तैयार किया

उन्होंने बताया कि पूरे जोधपुर में वैक्सीनेशन का माइक्रो प्लान उन्होंने ही तैयार किया। शहर में करीब 170 वार्ड हैं। ऐसे में मैंने पहले प्रत्येक वार्ड में प्रति एक हजार लोगों के वैक्सीन लगाने के स्थान व कौन कर्मचारी जाएगा तथा कहां से वैक्सीन लेगा। इसका पूरा प्लान तैयार किया।

यही कारण रहा कि जोधपुर में वैक्सीनेशन प्रोग्राम बेहतर तरीके से संचालित हो सका। उन्होंने बताया कि वैक्सीन आने से काफी पहले उन्होंने प्लानिंग शुरू कर दी थी। चार वर्ष पूर्व मिजल्स टीकाकरण के अनुभव का इसमें बहुत लाभ मिला। उनके इसी कार्य के कारण राष्ट्रपति ने उन्हें सम्मानित किया है।

प्रेग्नेंट महिलाओं का रखा विशेष ध्यान

इंदु लक्ष्मी ने बताया कि मैं कुछ संस्थाओं से भी जुड़ी हूं। महिलाओं के स्वास्थ्य विशेषकर गर्भवती महिलाओं को लेकर मैने काफी काम किया। शहर की कच्ची बस्तियों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के सहयोग से मैने गर्भवती महिलाओं के ममता कार्ड बनवाए।

उनके रोजमर्रा के भोजन के अलावा की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उनकी सास से संपर्क कर उनसे आग्रह किया कि वे इनके भोजन का विशेष ख्याल रखें। साथ ही गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के लिए उन्हें बार-बार याद दिलाया। कुछ महिलाएं यदि इसके बावजूद नहीं आती तो मैं उनके घर पहुंच जाती। चाहे शहर में या गांव में पोस्टिंग रही हो, लेकिन हमेशा अपने काम को प्राथमिकता दी। मुझे खुशी है कि मेरे इस कार्य को सम्मान योग्य समझा गया।