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वकीलों के लिए विकसित की गई रामराज नगर कॉलोनी में 14 बीघा जमीन पर अतिक्रमण हैं, लेकिन जेडीए ने महज 7 बिस्वा से अतिक्रमण हटाए हैं। इस पर राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति व न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने जेडीए द्वारा की गई कार्यवाही पर असंतोष जताते हुए कहा कि कोर्ट द्वारा दिए निर्देशों की पालना नहीं की गई।
कोर्ट ने एएजी करणसिंह राजपुरोहित को इस मामले में उपस्थिति देने तथा पक्षकारों के बीच मध्यस्थता कर कॉलोनी से यथाशीघ्र अतिक्रमण हटाने के लिए कहा है। मामले में अगली सुनवाई 5 मई मुकर्रर की है। राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन की ओर से एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इसमें बताया कि जेडीए द्वारा चौखा में वकीलों के लिए रामराज नगर कॉलोनी बसाई थी।
कॉलोनी में कई जगह अतिक्रमण कर लिए गए हैं। पार्क, स्कूल आदि के लिए सुरक्षित जमीनों पर भूमाफियाओं ने अतिक्रमण कर लिया है। इस पर कोर्ट ने जेडीए को निर्देश दिए थे कि वह यह सुनिश्चित करे कि कॉलोनी में अतिक्रमण नहीं हों। कोई अतिक्रमण हुए हैं तो उसे अगली सुनवाई तक हटा लिए जाएं।
अब जो प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश की गई, उसमें बताया कि 7 बिस्वा जमीन से अतिक्रमण हटाए गए हैं, जबकि करीब 14 बीघा जमीन पर अतिक्रमण हैं। कोर्ट ने कहा कि जिस तरह से जेडीए ने कार्रवाई की है, उससे वह पूरी तरह से असंतुष्ट है। कॉलोनी के बड़े भाग पर अतिक्रमण है और केवल छोटे से हिस्से 7 बिस्वा से अतिक्रमण हटाए गए हैं।
खंडपीठ ने जेडीए को निर्देश दिए कि वह कॉलोनी में गड्ढों को भरने, सड़क निर्माण व सीवरेज सुविधा आदि विकसित करें, ताकि आवंटी अपने मकान बना सकें। कोर्ट ने जेडीए से यह भी अपेक्षा जताई कि वह यथोचित कदम उठाए, ताकि भविष्य में इस कॉलोनी में अतिक्रमण नहीं हों। ऐसा कोई अतिक्रमण ध्यान में आता है तो उसे तुरंत हटाया जाए।
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