जोधपुर जिले के कापरडा गांव के समीप शनिवार को बड़ी संख्या में प्रवासी परिन्दे कुरजा मृत पाए गई है। एक साथ बड़ी संख्या में कुरजा की मौत ने खतरे की घंटी बजा दी है। सौ से अधिक कुरजा मृत मिलने और कई कुरजा के बीमार पड़ने के बाद वन विभाग व डॉक्टरों की टीम ने मौके पर पहुंच जांच शुरू की है। मारवाड़ में इस समय कई गांवों में हजारों कुरजा ने डेरा डाल रखा है।
जोधपुर-जयपुर हाईवे पर कापरड़ा गांव के समीप अरावली गुरुकुल के सामने जमा होने वाले पानी के निकट ढाई से तीन हजार कुरजा ने डेरा डाल रखा है। हाईवे से निकलने वाले कई लोग एक साथ बड़ी संख्या में प्रवासी परिन्दों को देख उनका कलरव सुनने यहां ठहर जाते है। पर्यावरण प्रेमी भजनलाल नेण ने आज सुबह यहां पर कुछ कुरजा को मृत पाया। उन्होंने खोजबीन करना शुरू किया तो मृत कुरजा की संख्या बढ़ती चली गई। साथ ही कई कुरजा बीमार भी मिली। उन्होंने कुछ अन्य लोगों की मदद से वन विभाग से संपर्क साधा। थोड़े विलम्ब के बाद वन विभाग भी हरकत में आ गया और एक टीम ने मौके पर पहुंच जांच शुरू कर दी।
मारवाड़ में इन दिनों पचासों स्थान पर हजारों कुरजा ने डेरा डाल रखा है। सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा तय कर ये पक्षी साइबेरिया व मंगोलिया से जोधपुर पहुंचते है। सर्दी की शुरु्ात में इनका आगमन होता है और सर्दी कम होते ही ये यहां से वापसी की उड़ान भर लेते है। बड़ी संख्या में कुरजा की मौत को पक्षी विशेषज्ञ खतरे की घंटी मान रहे है। उनका कहना है कि समय रहते इन प्रवासी परिन्दों में फैली बीमारी का पता लगाया जाना चाहिये। मारवाड़ में इन दिनों कुरजा की संख्या बहुत अधिक है। यदि इनमें कोई बीमारी फैली तो बड़ी संख्या में इनकी मौत हो सकती है। मारवाड़ के कुछ गांवों में कुछ माह पूर्व बड़ी संख्या में कोव्वे मृत पाए गए थे। उस समय बर्ड फ्लू की आशंका जताई गई थी।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.