जिले के देचू क्षेत्र में रविवार को मिले 11 पाक विस्थापितों की मौत की गुत्थी अभी तक पुलिस पूरी तरह से सुलझा नहीं पाई है। वहीं अब तक मिली जानकारी में नई कहानी उभर कर सामने आ रही है। जोधपुर में एक गैंग सक्रिय है जो पाकिस्तान से आने वाले हिन्दू शरणार्थियों का जमकर शोषण करने में जुटी है। भारत में रहने व रोजगार का झांसा देकर शुरुआत पैसे से होती है और आखिरकार मामला देह शोषण तक पहुंच जाता है। पाक विस्थापितों की स्थिति कुएं से निकल खाई में गिरने वाली हो गई है। 11 लोगों की मौत के पीछे भी इसी गैंग का शोषण माना जा रहा है।
ऐसे काम करती है यह गैंग
भारत आकर नागरिकता हासिल कर चुके कुछ पाक विस्थापितों ने मिलकर एक गैंग बना रखी है। थार एक्सप्रेस के जोधपुर के उपनगरीय रेलवे स्टेशन भगत की कोठी पहुंचते ही इसके सदस्य इन परिवारों को अपने झांसे में उलझा फांस लेते है। इसके बाद शुरू होता वसूली का खेल। लगातार होने वाली प्रताड़ना और देह शोषण के कारण पाकिस्तान त्याग बड़ी उम्मीद से भारत आने वाले ये लोग एक नए संकट में फंसते चले जाते हैं। नए देश और नए परिवेश में बिलकुल अनजाने विस्थापित इस गैंग के सदस्यों की बातों पर विश्वास कर खुद को इनके हवाले कर देते हैं। सबसे पहले रहने के नाम पर पैसा लिया जाता है। गैंग के सदस्य कभी पुलिस तो कभी नियमों का हवाला देकर इन्हें डराते रहते हैं और वसूली करते जाते हैं। पैसा समाप्त होने पर गहनों की बारी आती है और गहने बिक जाने के बाद शुरू होता है देह शोषण। इसके बाद ये विस्थापित पूरी तरह से इनके चंगुल में फंस जाते हैं और बाहर नहीं निकल पाते हैं।
गैंग का शोषण बना मौत का कारण?
पाकिस्तान में लगातार मिलने वाली प्रताड़ना और धर्म परिवर्तन के दबाव के बीच जुलाई 2015 में बुधाराम अपने परिवार सहित पाकिस्तान से जोधपुर चला आया। उसकी चार जवान बेटियां पढ़ी-लिखी थी। इस गैंग के हत्थे चढ़ी एक बहू के कारण परिवार पूरी तरह से दबाव में था। इस बीच दबाव बढ़ने पर सदमे से एक बहन नजीरो की मौत हो गई। अब इस गैंग के सदस्यों ने शेष रही तीन जवान बेटियों लक्ष्मी, प्रिया व सुमन पर अपनी नजरें गढ़ा दी। इस परिवार का भी लगातार शोषण हुआ। इसके खिलाफ सभी स्तर पर शिकायतें भी की गई, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।
इससे गैंग के सदस्यों का हौसला बढ़ गया और उन्होंने बुधाराम के परिवार को सताना शुरू कर दिया। बुधाराम की बेटी लक्ष्मी ने मरने एक दिन पहले बनाए वीडियो में अपनी पूरी कहानी बयां की है। लगातार प्रताड़ना व मुकदमेबाजी के डर से पूरे परिवार ने सामूहिक रूप से जान देने का फैसला किया। इसके बाद नर्स प्रिया, सुमन और लक्ष्मी ने सभी को मारने की स्क्रिप्ट लिखी। सभी सदस्यों के खाने में नींद की गोलियां मिला दी गई और बाद में जहर देकर मार दिया गया। सबसे आखिर में प्रिया ने आत्महत्या की।
पूरे मामले की हो निष्पक्ष जांच
पाक विस्थापितों के लिए बरसों से काम करने वाली संस्था सीमांत लोक संगठन के संयोजक हिन्दूसिंह सोढ़ा ने बताया कि यदि मामले की सीबी्ाई से या किसी अन्य एजेंसी से निष्पक्ष जांच कराई जाए तो अलग ही कहानी सामने आएगी। कुछ लोग एक गैंग बना पाकिस्तान में अपना सबकुछ गंवा कर बड़ी हसरतों के साथ हिन्दुस्तान आने वाले लोगों का किस तरह से शोषण कर रहे है, इसका चौंकाने वाला खुलासा हो सकता है।
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