चिकित्सा विभाग में तालमेल की कमी के चलते त्योहारी सीजन में शहरवासी मिलावटी घी, मावा, मिर्ची और मिल्क केक खा गए। दिवाली से पहले संयुक्त निदेशक के पास मिलावटी खाद्य पदार्थों की जांच के लिए एफटीएनएल वाहन लैब द्वारा शहर के विभिन्न इलाकों से 120 सैंपल लिए गए। इनमें से 18 सैंपल में मिलावट पाई गई। जिस पर संयुक्त निदेशक ने मिलावटी खाद्य पदार्थों की फर्म से एफएसएसए एक्ट के तहत नमूने लेने के लिए सीएमएचओ के अधीन खाद्य सुरक्षा अधिकारी को 6 सितंबर को एक पत्र लिखा।
इसके एक माह बीतने के बावजूद भी जब रिपोर्ट नहीं आई तो संयुक्त निदेशक ने फिर एक पत्र लिखकर रिपोर्ट मांगी, लेकिन एक ही विभाग के अधिकारियों में तालमेल का इस कदर अभाव है कि नवंबर के अंतिम सप्ताह तक भी मिलावटखोरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। ऐसे में कई फर्मों ने तो मिलावट का सारा माल तक बेच दिया।
खाद्य पदार्थ फर्म का नाम मिलावट मावा कच्छवाहा स्वीट्स, न्यू कोहिनूर के पास स्टार्च मावा श्री राधाकृष्ण स्वीट्स, 12वीं रोड जोधपुर वनस्पति तेल मिर्ची कांकरिया मसाला उद्योग, सिवांची गेट स्टार्च पाउडर मिर्ची जैन मिर्ची उद्योग, सिवांची गेट स्टार्च पाउडर मिल्क केक जोधपुर स्वीट कॉर्नर, भास्कर चौराहा स्टार्च पाउडर घी (शक्ति ब्रांड) राजकुमार रिषभ कुमार, मंडोर मंडी रोड वनस्पति तेल
मिलावट की जानकारी देने के बावजूद आगे से कार्रवाई नहीं हुई: संयुक्त निदेशक
हमने केंद्र से मिली एफटीएनएल वाहन लैब से जांच की और मिलावटखोरों की रिपोर्ट सीएमएचओ के अधीन खाद्य सुरक्षा टीम को भेज दी। मिलावट पाए जाने पर एफएसएसए एक्ट में कार्रवाई का प्रावधान है। इसके बावजूद खाद्य सुरक्षा अधिकारी की ओर से कार्रवाई नहीं हुई। -डॉ. जाेगेश्वर प्रसाद, संयुक्त निदेशक, चिकित्सा विभाग
पत्र का एक-दो दिन पहले ही पता चला, जल्द सैंपल लेंगे: खाद्य सुरक्षा अधिकारी
त्योहारी सीजन में विभाग की टीम द्वारा मिलावटखोरों पर कई कार्रवाई की गई। मुझे अभी एक-दो दिन पहले ही पता चला कि ऐसा कोई लेटर आया हुआ है। अब जल्द ही सभी जगह के सैंपल लेकर कार्रवाई करेंगे। -रजनीश शर्मा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी
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