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पिछले दो बजट में जोधपुर में कैंसर मरीजों को राहत देने के लिए गहलोत सरकार ने कई घोषणाएं की। वो अलग बात है कि दो साल बीतने के बाद भी ये घोषणाएं मूर्त रूप नहीं ले पाईं। कारण- बजट घोषणा के बाद सभी को पूरा करने के लिए पीपीपी मोड की शर्त लगा दी गई। चाहे लिनियर एक्सीलेटर लगाना हो या पेट-सीटी या गामा कैमरा।
मेडिकल कॉलेज और एमडीएम अस्पताल प्रशासन की ओर से किए गए टेंडरों में पीपीपी मोड पर ना तो लिनियर एक्सीलेटर लगाने कोई आया और ना ही कैंसर रीजनल सेंटर के लिए किसी ने टेंडर भरा। इस बजट से मेडिकल कॉलेज और जोधपुर की जनता को खासी उम्मीदें हैं कि सरकार कैंसर उपचार के कार्यों को हाथ में लेकर पूरा करवाए, ताकि मरीजों काे मुफ्त इलाज की सौगात के साथ राहत मिले।
बजट 2019-20
10 जुलाई 19 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट भाषण में मेडिकल कॉलेज आने वाले कैंसर रोगियों के उपचार के लिए 31 करोड़ से लीनियर एक्सीलेटर मशीन एमडीएम अस्पताल में लगवाने की बात कही।
हकीकत; एमडीएम प्रशासन ने 2 दिसंबर 19 को मशीन के लिए टेंडर किया। अंतिम तारीख 30 दिसंबर 19 तक कोई फर्म नहीं आई तो तिथि 16 जनवरी 20 तक की। फिर भी कोई नहीं आया। 28 जनवरी को दुबारा टेंडर किया, अंतिम तिथि 19 फरवरी रखी, फिर कोई नहीं आया। 6 मार्च तक फिर तारीख फिर बढ़ाई। फर्म नहीं आने का कारण टेंडर में पीपीपी मोड की शर्त थी।
बजट 2020-21
गत 20 फरवरी को मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में जाेधपुर में पेट-सीटी स्कैन मशीन उपलब्ध कराने की बात कही थी। साथ ही क्षेत्रीय कैंसर सेंटर का निर्माण चरणबद्ध तरीके से करने की घोषणा की।
हकीकत; पेट-सीटी और गामा के लिए अस्पताल प्रशासन ने टेंडर किया, लेकिन दो बार फेल हो गया। ऐसे ही क्षेत्रीय कैंसर सेंटर की फाइल अटकी है। हालांकि कैंसर सेंटर के लिए बजट मेडिकल कॉलेज को मिला है।
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