केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि फाइव स्टार चिंतन शिविर में जिस कांग्रेस को अपडेट करने की बात की जा रही है, उसका पूरा सॉफ्टवेयर कब का आउटडेटेड हो चुका है। चिंतन शिविर में वही अंग्रेजों के जमाने की बातें दोहराई जा रही हैं, जिनकी वजह से देश की सबसे पुरानी पार्टी को उसके पुराने वफादार नेता अलविदा कह रहे हैं। शेखावत ने कहा कि पंजाब में पार्टी के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ की बातों से लगता है, पंजाब में कांग्रेस की जैसी भद्द पिटी, वही हाल राजस्थान में होना है। शिविर में आए चेहरों पर मुस्कान है, लेकिन दिल में कितनी आग लगी है, सबको पता है।
मीडिया के साथ अनौपचारिक बातचीत में शनिवार को केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि बदलते हुए परिदृश्य में जब देश आजादी का अमृत महोत्सव बना रहा है। तब किस तरह से देश को आगे बढ़ाने के लिए काम करें और कांग्रेस किस तरह से सकारात्मक भूमिका निभा सकती है, इस दृष्टि से चिंतन शिविर में चर्चा की जानी चाहिए थी, लेकिन सत्ता किस तरह से प्राप्त की जा सके, उसकी छटपटाहट और बौखलाहट साफ दिखाई दे रही है।
एक परिवार से एक को टिकट देने, लेकिन गांधी परिवार को इससे अलग रखने के सवाल पर शेखावत ने कहा कि गांधी परिवार को एकतरफ रखकर नीतियां बनाना, यह कांग्रेस की हमेशा की परंपरा रही है। जब तक किसी संगठन, देश या राजनीतिक पार्टी का नेता स्वयं आगे बढ़कर अपने चरित्र, आचरण और व्यवहार से प्रेरणा नहीं देता, तब तक न नीतियां सफल हो सकती हैं, न प्रभावकारी। शेखावत ने कहा कि मुझे लगता है कि इसका वही हश्र होने वाला है, जो अब तक ऐसी नीतियों और चिंतन शिविरों का हुआ है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान में दुराचार की घटनाओं, बिगड़ती कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी आदि पर आधा एक घंटा चिंता की गई होती और मुख्यमंत्री जी को निर्देश दिए होते तो शायद राज्य की आठ करोड़ जनता का कोई भला होता। शेखावत ने कहा कि जब जोधपुर जल रहा था, भीलवाड़ा में दंगे हो रहे थे, तब राजस्थान के मुख्यमंत्री महारानी की आवभगत में कमी ना रह जाए, उसकी तैयारियों के लिए घूम रहे थे। जनता सब देख रही है। जनता ने जितना समय इस सरकार को दिया था, उसमें कुछ दिन बाकी हैं। इस पर चिंतन करिए। उन्होंने कहा कि जनता ने वर्ष 2018 में जो भूल की, उस पर वो निर्णय ले चुकी है।
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