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16 साल किशोरी को तीन फरवरी को पेट दर्द की शिकायत हुई। परिजन उसे उम्मेद अस्पताल ले गए। चेकअप के बाद डॉक्टरों ने बताया कि वह 5-6 माह की गर्भवती है तो परिजनों के पैरों तले जैसे जमीन ही खिसक गई। तब से वह अस्पताल में ही भर्ती है। परिजन कोर्ट में गर्भपात की अर्जी लगाने की प्रक्रिया में थे, लेकिन शनिवार सुबह उसे पेट दर्द हुआ तो तुरंत डिलेवरी रूम में लेकर डिलीवरी कराई गई।
दोपहर करीबन 12 बजे उम्मेद अस्पताल में किशोरी ने 500 ग्राम वजनी एक बच्ची को जन्म दिया। किशोरी स्वस्थ है, लेकिन प्री-मैच्योर डिलीवरी की वजह से नवजात का वजन कम है और डॉक्टर उसकी स्थिति गंभीर बता रहे हैं। नवजात को फिलहाल नर्सरी में रखा गया है। उधर, पुलिस ने नाबालिग किशोरी के 164 के बयान के बाद 55 वर्षीय बुजुर्ग को गिरफ्तार कर लिया जिसे शनिवार को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भिजवा दिया गया।
अकेली नाबालिग को पड़ोसी दुकानदार अपने पास बुला लेता, खिलौने देकर हवस का शिकार बनाया
खांडा फलसा थाना इलाके में रहने वाली 16 साल की नाबालिग छठी कक्षा में पढ़ती है। माता-पिता परिवार का भरण पोषण करने के लिए मजदूरी करते हैं। दोनों ही रोजाना घर से सुबह निकल जाते थे, और शाम को लौटते हैं। इन दिनों स्कूल नहीं होने से नाबालिग घर पर अकेली ही रहती थीं। ऐसे में घर के बाहर अक्सर खड़ी हो जाती।
उधर, खिलौने बेचने वाले 55 साल के पड़ोसी दुकानदार नाबालिग को अकेला देख दुकान पर बुला लेता और उससे बातें करता। उसे नए-नए खिलौने दिखाता और कभी कभार कुछ खिलौने भी देता था। धीरे-धीरे बुजुर्ग ने उससे गलत हरकतें करनी शुरू कर दी और फिर अपनी हवस का शिकार बना डाला।
परिजनों ने कोर्ट में गर्भपात की प्रक्रिया करना चाहा
लेकिन तीन फरवरी को नाबालिग के पेट असहनीय में दर्द हुआ, उसने मां को बताया। परिजन उसे उम्मेद अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों ने चेकअप के बाद कुछ जांचें करवाई। एकबारगी तो डॉक्टर व नर्सिंग स्टॉफ भी दंग रह गए क्योंकि नाबालिग 5-6 माह के गर्भ से थी। परिजनों को बताया तो वो भी सकते में आ गए। परिजन कुछ समझ पाते, उससे पहले नाबालिग को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। इसके बाद परिजन कोर्ट में गर्भपात की प्रक्रिया शुरू करने में ही थे कि शनिवार दोपहर को नाबालिग की प्री-मैच्योर डिलीवरी हो गई।
बाल अधिकार संरक्षण की अध्यक्षा भी पहुंचीं
नाबालिग के डिलीवरी होने की जानकारी राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा संगीता बेनीवाल को मिली तो वह भी उम्मेद अस्पताल पहुंचीं। बच्ची से मिलकर अस्पताल अधिकारियाें को बच्ची और नवजात के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के निर्देश दिए। आयोग अध्यक्षा के अस्पताल पहुंचने पर वहां अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही सीडब्ल्यूसी कमेटी अध्यक्ष डाॅ. धनपत गुर्जर, सदस्य शशि वैष्णव, विक्रम सरगरा, लक्ष्मण परिहार एवं सुनीला छापर भी उपस्थित रहे।
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