जोधपुर में वकील की हत्या का लाइव VIDEO:चाकू घोंपने से मौत नहीं हुई तो पत्थर से सिर कुचल दिया

जोधपुरएक महीने पहले
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जोधपुर में वकील की सरेआम हत्या का वीडियो भी सामने आया है। 2 युवक हमला करते दिख रहे हैं।

जोधपुर में शनिवार शाम करीब 6 बजे सीनियर वकील की सरेआम हत्या कर दी गई। 2 युवकों ने पहले उनको कॉल किया और घर से बुलाया। रोड पर बाइक को घेर लिया और चाकू से ताबड़तोड़ हमला करने लगे। इससे मौत नहीं हुई तो आरोपियों ने पत्थरों से सिर कुचल दिया।

जोधपुर कमिश्नरेट पूर्व के एडीसीपी नाजिम अली ने बताया कि माता के थान मुख्य रोड पर अनिल चौहान व मुकेश चौहान ने जुगराज चौहान (55) की चाकू मार कर हत्या की है। वो भदवासिया इलाके के मंदिर का मोहल्ला के रहने वाले थे। उन्होंने बताया कि लंबे समय से रंजिश चल रही थी। जुगराज के बेटे के एक्सीडेंट में अनिल चौहान और मुकेश चौहान नामजद आरोपी थे। आपसी रंजिश के चलते उन्होंने हत्या की। पुलिस ने दोनों आरोपियों को पकड़ लिया है।

इस मामले का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। इसमें साफ नजर आ रहा है कि अनिल और मुकेश ने पहले से ही हत्या की प्लानिंग कर रखी थी। सड़क पर पहले जुगराज को रोका। उसके साथ धक्का-मुक्की की। वो सड़क पर गिर गया।

सीनियर वकील जुगराज चौहान पर पहले चाकू से हमला किया गया, इसके बाद बदमाशों ने पत्थर से सिर कुचलकर मार डाला।
सीनियर वकील जुगराज चौहान पर पहले चाकू से हमला किया गया, इसके बाद बदमाशों ने पत्थर से सिर कुचलकर मार डाला।

पहले भी की थी शिकायत
जुगराज की बेटी पूर्णिमा ने बताया कि उसके पापा को महा मंदिर से कॉल आया था। उन्हें बुलाया था। इसलिए वह घर से बाइक पर निकले। उसने बताया कि वह पहले भी कई बार इन लोगों से खतरा होने की शिकायत कर चुके हैं।

लड़ रहा था कानूनी लड़ाई
जुगराज के बेटे की तीन वर्ष पहले एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। उसमें अनिल और मुकेश नामजद हैं। बताया जा रहा है कि किसी प्लाॅट का विवाद भी था। इन दोनों बातों से रंजिश पाल कर आरोपियों ने वकील की हत्या कर दी। वकील अपने बेटे की मौत को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रहा था।

वकीलों में रोष

ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन (AILU) जोधपुर के जिला अध्यक्ष एडवोकेट पी आर मेघवाल और जिला सचिव महिपाल सिंह चारण ने बताया कि वारदात से वकीलों में गुस्सा है। पिछले कई साल से राज्य सरकार से राजस्थान एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट विधानसभा में पारित कराकर लागू करवाने की मांग की जा रही है।

राज्य सरकार अधिवक्ताओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। पिछले एक महीने से अधिवक्ताओं पर हमले बढ़े हैं। इसके खिलाफ अधिवक्ता आंदोलनरत हैं।