जोधपुर शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में 2 दिन पहले हुई बारिश और कुछ जगह ओलावृष्टि ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। राहत ये है कि गेहूं की फसल को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। जोधपुर जिले में 6 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल में फसलें खड़ी हैं। इनमें खराब मौसम से सरसों और जीरा की फसल सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं।
सबसे ज्यादा सरसों की फसल 2 लाख हैक्टेयर से अधिक है। अधिकांश जगह फसल काटकर खेतों में रखी है। जीरे की बुवाई 1 लाख 65 हजार हैक्टेयर से अधिक है। जिसमे सिंचाई बंद करने के बाद हुई बरसात के कारण नमी व ओस से नुकसान दिखने लगा है।
पहले भी पाले के कारण रबी फसलों में नुकसान हुआ था। पिछले दिनों तापमान बढ़ने व झोला चलने से दाने पर आई हुई फसलें अधूरी ही पक पाई थी।
क्षेत्र के किसानों का कहना है बुवाई के समय प्रतिकूल मौसम के पश्चात लगातार आपदाओं के कारण इस रबी सीजन की फसलों में सामान्य से 30 से 40 प्रतिशत ही फसल उत्पादन होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
जिले में रबी फसल का बुवाई रकबा
फसल - बुवाई हैक्टेयर
फसल खराबे की सूचना यहां दे सकेंगे
जिले में असामयिक वर्षा, ओलावृष्टि, अंधड़ के कारण किसानों की फसलों में नुकसान हुआ है। किसानों को फसलों में हुए नुकसान की सूचना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल के नुकसान के 72 घंटे के भीतर दर्ज करवानी है।
भारतीय किसान संघ के प्रदेश मंत्री तुलछाराम सिंवर ने बताया कि तेज अंधड़ के बेमौसम बरसात से रबी सीजन की फसलों में नुकसान हुआ है। सरसों की फसल खेतों में कटी हुई पड़ी है। ऐसे में इसमें बड़े नुकसान की आशंका है।
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