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(प्रवीण धींगरा). पश्चिमी राजस्थान में रेलवे के डवलपमेंट के लिए जोधपुर को लेकर अच्छी खबर आई है। जोधपुर सिटी स्टेशन को मल्टी मॉडल पैसेंजर टर्मिनल बनाने का काम अब 2041 की जगह 2031 में होगा। वह इसलिए कि रेलवे दिल्ली-अहमदाबाद के बीच हाई स्पीड रेल का जो प्लान बना रहा है, उसमें आने वाले समय में जयपुर व अजमेर के बाद जोधपुर स्टेशन की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
उस समय जोधपुर स्टेशन पर करीब पौने दो लाख यात्रियों की प्रतिदिन आवाजाही होगी। इस प्रोजेक्ट पर करीब 464 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इतना पैसा तो जोधपुर मंडल को रेल बजट में सालाना खर्च के लिए भी नहीं मिलता था। बीते दो साल में जरूर बजट 500 करोड़ से ज्यादा रहा, वह भी फुलेरा-राइकाबाग डबल लाइन के कारण। इधर, रेलवे कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सबसे व्यस्त मार्गों को कॉरिडोर के रूप में विकसित करेगा। इनमें से एक सागर सुतलेज सम्पर्क कॉरिडोर जोधपुर से निकलेगा और शहर का उपनगरीय स्टेशन राइकाबाग इसका नोड बनेगा।
मल्टी मॉडल जोधपुर यानी यूरोप की तर्ज पर ट्रेन से उतरो, जहां जाना हो, वहां के लिए साधन तैयार
अगले एक दशक में जोधपुर की सूरत बदलेगी। रेलवे ने यह आंकलन कर लिया है। इसके लिए जोधपुर में होने वाले बदलावों का अध्ययन किया है। रेलवे के 7 दिन तक चले सर्वे में आबादी, बढ़ती सुविधाओं, लोगों का दूसरे शहरों में आवाजाही, एयर व रोड कनेक्टिविटी को लेकर केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का अध्ययन करने के साथ रेलवे ने अपने नेटवर्क पर ट्रेनों की आवाजाही, स्टेशन पर यात्रियों की गतिविधियां, ट्रेनों की औसत गति, दो स्टेशनों के बीच लगने वाला समय, टिकट काउंटर, पीआरएस काउंटर का डाटा का एनालिसिस करने के बाद जोधपुर में प्रस्तावित मल्टी मॉडल टर्मिनल को 2041 की जगह 2031 की अपनी योजना में शामिल कर लिया है।
यह टर्मिनल ट्रेनों के अलावा यात्रियों को शहर में जाने के लिए ऑटो, टैक्सी, टू-व्हीलर जैसे साधन मुहैया करवाएगा तो शहर के एयरपोर्ट तक सीधी कनेक्टिविटी देगा। इसके लिए मोनो रेल जैसा प्रोजेक्ट भी आ सकता है। यहां सिटी बसों के साथ जिले में जाने के लिए लोक परिवहन जैसी सुविधा भी मिल सकेगी। इसके लिए स्टेशन की बिल्डिंग कई मंजिल में होगी तो आसपास की जमीनों पर अलग-अलग टर्मिनल बनाना प्रस्तावित है। अगले एक-दो साल में इस पूरे प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाई जाएगी।
पाेर्ट की ओर जाने वाले कॉरिडोर का रास्ता राइकाबाग से निकलेगा
रेलवे ने देश में 11 अत्यधिक व्यस्त नेटवर्क चिह्नित किए हैं। इन नेटवर्क पर रेलवे लाइनों का विस्तार कर कॉरिडोर के रूप में विकसित करेगा। इन्हीं में से एक है सागर सुतलेज सम्पर्क कॉरिडोर। यह फिरोजपुर से मुंदरा पोर्ट को जोड़ेगा। करीब 1530 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर के लिए शहर के उपनगरीय राइकाबाग को नोड (जंक्शन) के रूप में विकसित किया जाएगा।
इसके लिए राइकाबाग से सालावास तक बाइपास लाइन भी प्रस्तावित है। फिरोजपुर से मुंदरा पोर्ट के बीच बड़े शहर के रूप में जोधपुर ही आएगा। बाकि बठिंडा, जाखल, हिसार जैसे शहर हैं जो बिजनेस के मामले में जोधपुर के बराबर नहीं हैं। ऐसे में जोधपुर को इस कॉरिडोर से व्यापार की संभावनाएं बढ़ेंगी तो यहां नए उद्योग भी लग सकेंगे। इस कॉरिडोर के लिए जोधपुर लॉजिस्टिक हब के रूप में भी विकसित हो सकेगा।
ऐसे बढ़ेंगे हमारे यहां यात्री
2021 1,15,836 2026 1,41,164 2031 1,73,113 2041 2,60,681 2051 3,94,566
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