जैविक खेती की जागरूकता के लिए हरियाणा के सोनीपत जिले के 24 वर्षीय नीरज प्रजापति दो साल पहले 22 वर्ष की उम्र में कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक का सफर साइकिल से तय करने का लक्ष्य रखा। नीरज ने जैविक जागरूकता के लिए 1,11,111 किमी का लक्ष्य रखा और बुधवार को दो साल पूरे होने से पूर्व दांतीवाड़ा व बिलाड़ा पहुचे और इस दौरान उन्होंने अब तक 25 हजार किमी का लक्ष्य प्राप्त कर लिया।
9 अप्रैल 2019 को नीरज ने हरियाणा के सोनीपत से अपनी साइकिल यात्रा प्रारंभ की थी और अब तक हरियाणा के अलावा दिल्ली, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, पंजाब और अब राजस्थान सहित अन्य राज्यों में लगभग 25 हजार से ज्यादा का सफर तय कर चुके हैं। राजस्थान में अब तक सीकर, झुंझुनु, जोबनेर, दाता, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, झालावाड़, जोधपुर सहित कई जिलों में यात्रा कर चुके हैं। वे प्रतिदिन लगभग 100 किमी का सफर करते हैं।
कैंसर ट्रेन से प्रभावित होकर जैविक की तरफ मोड़ा जीवन
नीरज ने बताया कि मुझे सबसे बड़ा आघात उस समय लगा जब देखा कि पंजाब, हरियाणा में किसानों के खेत अंधाधुंध कीटनाशकों के प्रयोग से बंजर होने लगे और किसान कैंसर रोगी होने लगे। उन्होंने बताया कि कैंसर ट्रेन से प्रभावित होकर बी टेक के पांचवे सेमेस्टर को ड्रॉप आउट कर दिया और अपने कैरियर की चिंता किये बगैर जैविक दिशा में अपना जीवन मोड़ दिया तथा जीवन में जैविक खेती जागरूकता को अपना लक्ष्य बनाया।
जैविक बाजार व विपणन की दे रहे जानकारी
नीरज ने बताया कि किसानों को जैविक बाजार व जैविक उत्पादों के विपणन के बारे में विशेष रूप से जागरूक करने का प्रयास कर रहा हूं। किसानों को जैविक प्रमाणीकरण की प्रक्रिया के बारे में भी अवगत करवा रहा हूं। इसके अलावा कृषि शिक्षार्थियों के बारे में भी संवाद स्थापित करने की कोशिश करता हूं।
नीरज ने बताया कि मेरा सपना है कि देश में लैब टू लैंड का सिद्वांत लोकप्रिय हो ताकि किसानों का उचित माध्यम द्वारा खेती पर नवीन तकनीक से रूबरू करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि जैविक खेती से ही खुशहाल भारत का सपना साकार होगा।
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