पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत में जासूसी कराने से बाज नहीं आ रही। पश्चिमी राजस्थान में उसका नेटवर्क देश की खुफिया एजेंसियों के लिए चुनौती बना हुआ है। खुफिया एजेंसियों ने जोधपुर में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (एमईएस) के एक कर्मचारी को हिरासत में लिया है। उस पर सैन्य निर्माण से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान भेजने का आरोप है। उसे जोधपुर से जयपुर ले जाया गया है। खुफिया एजेंसियां संयुक्त रूप से उससे पूछताछ कर रही है।
राजस्थान की इंटेलिजेंस विंग ने मंगलवार को मिलिट्री चीफ इंजीनियर जोन ऑफिस में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राम सिंह (30) को पाक खुफिया एजेंसियों के लिए जासूसी करते पकड़ा है। एमईएस सैन्य क्षेत्र और कुछ अन्य महत्वपूर्ण निर्माण कार्यों की जिम्मेदारी संभालता है। रामसिंह अपने कार्यालय में सैन्य क्षेत्र में प्रस्तावित निर्माण योजनाओं के गोपनीय पत्रों की फोटो खींच सीमा पार पाकिस्तान भेज देता था। खुफिया एजेंसियों को उसकी गतिविधियों के कारण संदेह हुआ। ऐसे में गत दो माह से उस पर नजर रखी जा रही थी। मंगलवार के दिन मौका देख इंटेलिजेंस एजेंसी ने उसे दबोच लिया। रामसिंह मूलत माउंट आबू का रहने वाला है और हाल में रसाला रोड स्थित एमईएस क्वार्टर में रहता है। वह तीन साल पहले ही चतुर्थ श्रेणी पद पर नियुक्त हुआ। जानकारी के अनुसार रामसिंह सिरोही जिले के माउंट आबू स्थित गोवागांव का रहने वाला था। रामसिंह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI को वॉट्सऐप के जरिए सूचनाएं भेजता था।
क्षेत्र में सक्रिय है आईएसआई
जोधपुर और जैसलमेर सहित कुछ अन्य क्षेत्र सामरिक लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं। ऐसे में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इस क्षेत्र में काफी सक्रिय रहती है। उसकी तरफ से तैनात महिलाएं लोगों को फेक कॉल के जरिए अपने जाल में फंसाती हैं। साथ ही कुछ महत्वपूर्ण लोगों के नंबर अपने स्लीपर सेल के जरिए जुटा कर उन पर ये महिलाएं डोरे डालती हैं। कुछ लोग इनके जाल में फंस जाते हैं। इसके बाद ये महिलाएं वीडियो चैटिंग के जरिए इन लोगों को अपने मोहपाश में ऐसा जकड़ती हैं कि किसी के लिए इनसे पीछा छुड़ा पाना मुश्किल हो जाता है। कई बार ये लोग धमकी तक देना शुरू कर देते हैं कि उनकी पोल भारतीय सेना या पुलिस के सामने खोल दी जाएगी। ऐसे में पकड़े जाने के भय से भी कुछ लोग मुंह नहीं खोलते हैं।
पश्चिमी राजस्थान में हैं दोनों एक्टिव और स्लीपर सेल
क्षेत्र में आईएसआई के लिए दो तरह के लोग जासूसी करते हैं। एक तो एक्टिव रहते हैं। वहीं दूसरे स्लीपर सेल में काम करते हैं। स्लीपर सेल के लोग हमेशा काम नहीं करते, ये लोग कभी कभार कोई महत्वपूर्ण सूचना भेजकर वापस शांति से बैठ जाते हैं। इनका उपयोग विभिन्न पद पर तैनात लोगों को फंसाने के लिए किया जाता है।
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