गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति (मूल) ने गुर्जर आरक्षण समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला को अपना अध्यक्ष मानने से इनकार कर दिया है। संघर्ष समिति ने करौली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर सरकार द्वारा पूर्व में हुए समझौते की 12 सूत्रीय मांगों की पालना नहीं करने पर 24 नवंबर को मुख्यमंत्री के प्रस्तावित श्रीमहावीरजी दौरे का विरोध करने की चेतावनी दी है। इस दौरान उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा का राजस्थान में विरोध करने से भी इनकार कर दिया। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है।
राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति (मूल) के प्रवक्ता हाकिम सिंह बैंसला और वरिष्ठ उपाध्यक्ष व फाउंडर मेंबर कैप्टन जगराम सिंह ने कहा कि गुर्जर समाज राहुल गांधी की राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा का विरोध नहीं करेगा। हमारी मांगें राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से है। सरकार से पहले हुए समझौते पर अमल करने की मांग की। श्रीमहावीरजी में 24 नवंबर को मुख्यमंत्री का प्रस्तावित दौरा है। अगर 3 दिन में सरकार मांगों को पूरा करती है तो स्वागत है, नहीं तो श्रीमहावीरजी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का काले झंडे दिखाकर विरोध किया जाएगा।
गुर्जर आरक्षण समिति के प्रवक्ता हाकिम सिंह गुर्जर और वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैप्टन जगराम सिंह ने संघर्ष समिति का नाम भी बदलते हुए राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति (मूल) रख दिया है। उन्होंने कहा कि विजय बैंसला को पुरानी और मूल आरक्षण समिति अपना अध्यक्ष नहीं मानती है। कर्नल बैंसला ने अपने आवास पर विजय बैंसला को राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की कमान सौंपी, लेकिन उनसे कहा कि 10 लोगों की कमेटी से पूछकर काम करना है, लेकिन उन्होंने पुष्कर में जिस तरह से गुर्जर आरक्षण आंदोलन को कुचलने वाली और आंदोलनकारियों को मारने वाली सरकार के लोगों को मंच पर बुलाया। उसी दिन गुर्जर समाज ने तय कर लिया कि विजय बैंसला गुर्जर आरक्षण समिति के अध्यक्ष नहीं है। वह समाज को आगे बढ़ाने की बजाय तोड़ने का काम कर रहे हैं और राजनीति कर रहे हैं, इसलिए गुर्जर समाज विजय बैंसला को अध्यक्ष नहीं मानता।
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