जिले के किसानों के लिए शुभ समाचार है। मामचारी और कालीसिल बांध से नहरों में सिंचाई के लिए पानी छोड़ने की शुरुआत हो चुकी है। इसके अलावा नींदर बांध से भी जल्द ही नहरों में पानी छोड़ दिया जाएगा। जिसके चलते इन तीन बांधों से ही जिले के 52 गांवों की 6953 हैक्टेयर भूमि सिंचित हो सकेगी। यानी नहरों में पानी की कल-कल के साथ खुशहाली का आगमन शुरू हो गया है, जल संसाधन विभाग के मुताबिक अगले 7 से 10 दिनों के बीच यह पानी टेल एंड तक पहुंच जाएगा।
कालीसिल से 4903 हैक्टेयर भूमि में सिंचाई
कालीसिल बांध से अमरगढ़ कैनाल में पानी छोड़ दिया गया है,। 1472.60 एमसीएफटी भराव क्षमता वाले इस बांध की 54 किलोमीटर लंबी नहरों से 33 गांवों की 4903 हैक्टेयर भूमि को सिंचित करने का लक्ष्य है। हालांकि अभी पानी को टेल एंड तक पहुंचने में 7 से 10 दिन का वक्त लग सकता है। लेकिन नहरों में पानी छोड़ने की शुरुआत के साथ ही किसानों ने राहत की सांस ली है।
मामचारी बांध से 9 गांवों की 962 हैक्टेयर भूमि होगी सिंचित
मामचारी बांध से भी नहरों में सिंचाई का पानी छोड़ने की शुरुआत हो चुकी है। 205 एमसीएफटी कुल भराव क्षमता वाले मामचारी बांध में अभी 173 एमसीएफटी के करीब पानी है। इस बांध की 12 किलोमीटर की नहरों से 9 गांवों की 962 हैक्टेयर भूमि सिंचित करने का लक्ष्य तय किया गया है। खास बात ये है कि इस बार बांध से बावली गांव को भी पानी मिल पाएगा। मामचारी बांध जल वितरण समिति के अध्यक्ष के प्रतिनिधि समय सिंह मीणा ने सालों से बंद पड़ी 2 किलोमीटर की नहर से मिट्टी की सफाई करवाई है। जिसके चलते इस बार बावली गांव के किसानों को भी सिंचाई का पानी मिल सकेगा।
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