पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के साथ शनिवार को कैमरी के जगदीश धाम मंदिर के पास 12 गांव के पंच-पटेलों की बैठक हुई। जिसमें संघर्ष समिति की ओर से ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिए चलाए जा रहे जनजागरण अभियान का समर्थन दिया गया। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष भामाशाह रामनिवास मीना की अध्यक्षता में आयोजित 12 गांवों के पटेलों की बैठक में संघर्ष समिति के प्रदेश मीडिया प्रभारी दीनदयाल सारस्वत ने ईआरसीपी के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। पटेलों को बताया गया कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में व्याप्त पानी और सिंचाई की समस्या का समाधान चंबल का पानी लाकर ही किया जा सकता है। इसके लिए किसानों को एकजुट होने की आवश्यकता है। 12 गांव के पटेलों से कहा गया कि उनके क्षेत्र में जब भी किसी भी दल का प्रतिनिधि उपस्थित हो तो उससे ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने की मांग पुरजोर तरीके से की जाए। किसान संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास मीना ने 12 गांवों के पटेलों के समक्ष स्पष्ट किया कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान संघर्ष समिति का यह जनजागरण अभियान पूरी तरह से गैर राजनीतिक है। देश के सभी राजनीतिक दलों से उनकी मांग है कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की इस महत्वाकांक्षी योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए। उन्होंने बताया कि इस जन जागरण अभियान के माध्यम से गांव और ढाणियों में जाकर किसानों को ईआरसीपी के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है और इसके महत्व की जानकारी दी जा रही है। इस मौके पर संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक अमर सिंह नीमरोठ, प्रदेश महामंत्री भरत सिंह डागुर, उपाध्यक्ष पूरणमल जाटव व अन्य पदाधिकारियों ने पटेलों से कहा कि इस जीवनदायिनी परियोजना को साकार करने के लिए सभी लोग कंधे से कंधा मिलाकर एकजुट होकर आगे आएं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.