सहायक न्यायिक कर्मचारी सुभाष मेहरा की हत्या के विरोध में करौली में बुधवार को न्यायिक कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन सामूहिक कार्य बहिष्कार कर प्रदर्शन किया और जिला न्यायाधीश को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने विभिन्न मांगों को पूरा करने की गुहार लगाई। न्यायिक कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के चलते कोर्ट का कामकाज प्रभावित हुआ है, जिसके चलते बड़ी संख्या में परिवादी निराश होकर लौटे।
कर्मचारी संघ जिला अध्यक्ष और प्रांतीय मंत्री मुकेश कौशिक ने बताया कि सहायक न्यायिक कर्मचारी की 10 नवंबर को मौत के विरोध में लगातार प्रदर्शन जारी है। घटना के विरोध में न्यायिक कर्मचारी संघ द्वारा सामूहिक रूप से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार कर कोर्ट में प्रदर्शन किया गया और जिला न्यायाधीश को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपकर न्यायिक कर्मचारी की मौत की सीबीआई जांच कराने, दोषी न्यायिक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई सहित पूर्व में लंबित पड़ी मांगों के निस्तारण की भी मांग की।
जिला अध्यक्ष मुकेश ने बताया कि न्यायिक कर्मचारी प्रचलित दास प्रथा, बस्ता प्रथा बंद करने और एफआईआर दर्ज करने की भी मांग कर रहे हैं। न्यायिक कर्मचारियों ने जिला कोर्ट परिसर में विरोध प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की। न्यायिक कर्मचारियों के काम पर नहीं जाने के चलते नोटिस निकालकर तारीख बढ़ाई गई। बार एसोसिएशन अध्यक्ष मिथिलेश पाल ने बताया कि कोर्ट में कामकाज नहीं होने से साक्ष्य देने पहुंचे गवाह, बहस के लिए पहुंचे परिवादी तथा अन्य कामकाज के लिए पहुंचे लोगों को निराश होकर लौटना पड़ा। इस दौरान कौशलेश शर्मा, सुरेश जोशी, संतोष मंगल, अरुण शर्मा, हरिओम राजपूत, राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, देवेंद्र गोयल, नरेंद्र शर्मा, चंद्रदीप आदि मौजूद रहे।
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