सुनील पाराशर भास्कर न्यूज | करौली जिले के प्रमुख पांचना बांध से कमांड क्षेत्र के किसानों को पानी दिए जाने के उच्च न्यायालय के आदेश की पालना में प्रशासन लगातार प्रयास में जुटा हुआ है लेकिन सहमति नहीं बन पाने के कारण पांचना का पेंच नहीं सुलझ पा रहा है। हालांकि सरकार द्वारा 1 वर्ष में जल वितरण समिति की 6 बैठकों का आयोजन कर दोनों पक्षों में आम सहमति बनाने का प्रयास लगातार जारी किया जा रहा है लेकिन गुडला पांचना लिफ्ट परियोजना संघर्ष समिति के पदाधिकारी इस बात पर अड़े हुए हैं कि पहले पांचना बांध के समीपवर्ती 39 गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी दिया जाए इसके बाद ही पांचना कमांड क्षेत्र के किसानों को पानी देने में उनको कोई एतराज नहीं है।
राज्य सरकार द्वारा गुडला पांचना लिफ्ट संघर्ष समिति की मांग को मानते हुए पूर्व में 2010 में पांचना बांध के समीपवर्ती 13 गांवों के किसानों की 1973 एक्टर भूमि को सिंचित करने के लिए 13करोड़ 21 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की थी जिसकी वित्तीय स्वीकृती 9 करोड़ की राशि से 2020 में 10.50 किलोमीटर नहर बना दी गई। लेकिन संघर्ष समिति ने सरकार से यह मांग की है कि उनके 39 गांव और ढाणियों में जब तक बांध का पानी नहीं पहुंचेगा तब तक सहमति नहीं बन पाएगी। हालांकि सरकार द्वारा इस समस्या के समाधान के लिए एक बार पांचना बांध के समीपवर्ती आठ गांवों और ढाणियों के लिए भी ₹19 करोड़ पचास लाख का प्रस्ताव भेज दिया गया है।
इनका कहना है हम पांचना कमांड एवं पांचना गुडला लिफ्ट संघर्ष समिति के सभी समीपवर्ती गांवों के काश्तकारों से अपील करते हैं कि पांचना बांध में जो पानी है उससे दोनों ही क्षेत्र की नहरों में पानी छोड़ने की सहमति बनाई जावे ताकि क्षेत्र के काश्तकारों को पानी मिल सके। राज्य सरकार द्वारा गुडला पांचना लिफ्ट संघर्ष समिति के शेष गांवों के लिए विभाग द्वारा प्रस्ताव भेज दिए हैं उसमें सरकार गंभीरता से काम कर रही है और सरकार ने चंबल से पानी लिफ्ट करके पांचना बांध में लाने के लिए डीपीआर भी स्वीकृत कर दी गई है। -सुशील गुप्ता, अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग करौली
न्यायालय ने दिए थे आदेश, नहरों में खोला जाए पानी
कमांड क्षेत्र के किसानों को पानी देने के लिए ग्राम उत्थान समिति के सचिव महेंद्र मीणा द्वारा जुलाई 2020 में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की और कहा कि बांध सिंचाई के लिए बना है इसलिए फसलों को सिंचित करने के लिए बरसों से जो कमांड क्षेत्र के किसानों को पानी दिया जा रहा है उसे चालू किया जाए। इसके बाद भी प्रशासन द्वारा आम सहमति बनाए जाने के प्रयास किए गए लेकिन नहीं बन पाई तो पुणे न्यायालय ने 17 अगस्त 22 को भी इस आदेश की पालना करने के लिए राज सरकार को लिखा गया है। वहीं दूसरी ओर ग्रामोत्थान समिति ने भी अधिकारियों को लीगल नोटिस भेजकर पालना करने की मांग की है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.