जिला अस्पताल स्थित सोनोग्राफी सेंटर पर एक गर्भवती की सोनोग्राफी में शिशु की धड़कन व मूवमेंट बंद बता दिया। इससे परेशान दंपती की खुशी एक ही पल में मायूसी में बदल गई। फिर भी यह दंपती निजी अस्पताल पहुंचे, वहां सोनोग्राफी में न केवल जच्चा-बच्चा को सामान्य बताया, बल्कि सुरक्षित प्रसव भी कराया। मां व नवजात सुरक्षित हैं। अब इए मामले में पीड़ित परिवार ने प्रशासन व पीएमओ से कार्रवाई की मांग की है।
दरअसल, अटरू स्थित गायत्री नगर निवासी अरविंद ने बताया कि गर्भवती पत्नी ममताबाई को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन शनिवार को बारां जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां उसे मातृ एवं शिशु अस्पताल में भर्ती करवाया था। भर्ती रहने के दौरान महिला को दो दिन तक ब्लड भी चढ़ाया गया। सोमवार को उसकी जिला अस्पताल में सोनोग्राफी करवाई गई।
इसकी रिपोर्ट देने के दाैरान डॉक्टर व स्टाफ ने गर्भ में ही शिशु की मृत्यु होने की बात बताई। यह सुनकर परिजन मायूस हाे गए। अस्पताल स्टाफ की ओर से ऑपरेशन के लिए कोटा या किसी अन्य अस्पताल ले जाने की बात कही। वहां मौजूद स्टाफ ने परिजनों को रेफर कार्ड तक नहीं दिया और सिर्फ एक कागज पर साइन करवा लिए।
परिजन आनन-फानन में प्रसूता को लेकर प्रिया अस्पताल पहुंचे, जहां उसकी सोनोग्राफी करवाई। सोनोग्राफी में गर्भस्थ शिशु के मूवमेंट करना व जीवित होना बताया, जिससे परिजनों ने राहत की सांस ली। सोमवार काे इसी हॉस्पिटल में महिला का सिजेरियन करवाया। इस दौरान प्रसूता ने स्वस्थ शिशु को जन्म दिया।
परिजन बोले-पीएमओ से जांच व कार्रवाई की करेंगे मांग
महिला के सुरक्षित प्रसव के बाद परिवार ने राहत की सांस ली। बच्चे का इलाज चल रहा है। अरविंद ने बताया कि मामले में जिला अस्पताल पीएमओ से जांच व कार्रवाई की मांग की जाएगी।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.