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कोटा संभाग में पुलिस साइबर क्राइम और ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलो की जांच में फिसड्डी साबित हो रही है। यह बात विधायक पानाचंद मेघवाल के विधानसभा प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर से दिए गए गए उत्तर में सामने आई है। विधायक पानाचंद मेघवाल की ओर से पूछे गए विधानसभा प्रश्न के जवाब में सरकार ने अवगत करवाया कि कोटा संभाग में पिछले 3 सालों (2018, 2019, 2020) में ऑनलाइन धोखाधड़ी व साइबर क्राइम के कोटा शहर में 158, कोटा ग्रामीण में 10, बूंदी में 15 व बारां में 23, व झालावाड़ में 20 प्रकरण दर्ज हुए हैं। कोटा संभाग में कुल 226 प्रकरण दर्ज हुए हैं।
कोटा संभाग में विगत 3 वर्षों में (2018, 2019,2020) में ऑनलाइन धोखाधड़ी व साइबर क्राइम के कुल 164 प्रकरणों में एफआर लगा दी गई और कुल 32 प्रकरणों में चालान किए गए हैं। केवल 52 अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है।
सरकार का जवाब...साइबर अपराध रोकने के लिए किए जा रहे हैं इंतजाम
विधायक पानाचंद ने सरकार से पूछा कि विगत 2 वर्षो में सरकार ने साइबर अपराधों को रोकने के लिए क्या-क्या निर्णय लिए। इसके जवाब में सरकार ने बताया कि साइबर अपराधों को रोकने के लिए साइबर पुलिस पुलिस थाने के समस्त प्रशासनिक एवं वित्तीय अधिकार स्टेट क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के स्थान पर अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एटीएस एवं एसओजी राजस्थान जयपुर के अधीन किया गया। राजस्थान सरकार गृह ग्रुप-2 विभाग के आदेश से एसओजी के अधीन साइबर अपराध इंवेस्टीगेशन इकाई सीसीआईयू का गठन किया है।
सीसीआईयू में 1 कांस्टेबल आॅपरेटर व 1 कांस्टेबल चालक का पद स्वीकृत किया है। समय-समय पर परिपत्र जारी कर किए जा रहे हैं। साइबर क्राइम इंवेस्टीगेशन यूनिट का गठन किया गया है, जिसमें पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी का पदस्थापन किया है। साइबर अपराधों पर नियंत्रण करने के लिए पुलिस अकादमी जयपुर में साइबर क्राइम प्रिवेंशन अंगेस्ट वूमेन एंड चाइल्ड सीसीपीडब्ल्यू प्रशिक्षण लैब खोली जाकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
पॉजिटिव- कुछ रचनात्मक तथा सामाजिक कार्यों में आपका अधिकतर समय व्यतीत होगा। मीडिया तथा संपर्क सूत्रों संबंधी गतिविधियों में अपना विशेष ध्यान केंद्रित रखें, आपको कोई महत्वपूर्ण सूचना मिल सकती हैं। अनुभव...
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