बूंदी के रामगढ़ टाइगर रिजर्व को केंद्र से प्रदेश के चौथे और देश के 52वें टाइगर रिजर्व की मंजूरी मिल चुकी है। जनवरी के अंत तक यह नोटिफाइड हो जाएगा। इससे बूंदी में टूरिज्म को नया आसमान मिलेगा। रणथंभौर से कहीं रिच बूंदी का रामगढ़ टाइगर रिजर्व है। सवाईमाधोपुर के पास केवल टाइगर रिजर्व है, बूंदी के पास रिच हैरिटेज, 27% जंगल, खूबसूरत वेटलैंड, रॉक पेंटिंग्स से लेकर मानव सभ्यता के हर कालखंड के सबूत भी मौजूद हैं। रामगढ़ प्रदेश का पहला ऐसा टाइगर रिजर्व है, जिसकी रणथंभौर और मुकंदरा टाइगर रिजर्व से सीधी कनेक्टिविटी है।
क्योंकि यह दोनों के बीच है। रामगढ़ कुछ दशक पहले तक बाघों का मैटरनिटी होम कहलाता था। यानी बाघों का जच्चा घर। 90 के दशक तक यहां 14 बाघ-बाघिन थे, फिर लुप्त होते गए। रामगढ़ को 20 मई 1982 में सेंचुरी और 2021 में टाइगर रिजर्व घोषित। बफर एरिया को देखें तो यह प्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बन गया है। मेज नदी जंगली जानवरों की लाइफ लाइन है।
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