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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को तीसरा बजट पेश करेंगे। इससे पहले के बजट में झालावाड़ को कोई खास सौगात नहीं मिल पाई, जबकि पूर्व की भाजपा सरकार की महत्वपूर्ण योजनाएं भी यहां बजट के अभाव में दम ताेड़ती नजर आ रही हैं। प्रदेश में जब वसुंधरा राजे की सरकार थी तो पांच साल में झालावाड़ जिले को बड़ी-बड़ी सौगातें मिलीं, लेकिन जैसे ही सरकार बदली सारे बड़े प्रोजेक्ट अधूरे ही रह गए। झालावाड़ में इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लेकर चंद्रभागा नदी को गुजरात के साबरमती की तरह रिवर फ्रंट के रूप में विकसित करने और अमृत योजना का सपना पूरा नहीं हाे पाया है। यह तीनाें बड़े प्राेजेक्ट बजट के अभाव में पूरे नहीं हाे रहे हैं। जिलेवासियाें को उम्मीद है कि इस बार इन तीनाें प्राेजेक्ट के लिए बजट मिल जाए। इधर, जिले के विधायकों ने भी मुख्यमंत्री से बजट में जिले के लिए कई मांगें की हैं।
1. कोलाना में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट: 169 करोड़ में से 70 करोड़ मिले, अब काम बंदकोलाना में पंडित दीनदयाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए पूर्व की भाजपा सरकार ने घोषणा की। उस समय इसके लिए 169 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए। इसमें से केवल 70 करोड़ रुपए ही मिल पाए। यहां हवाई पट्टी को 1700 मीटर से 3 हजार मीटर तक बढ़ाया जाना है, लेकिन बजट नहीं मिलने से यह काम अटका हुआ है। काफी समय से काम बंद है। एयरपोर्ट के प्रथम चरण में रनवे की लंबाई बढ़ाने, एप्रीन सहित अन्य निर्माण कार्य होने थे, लेकिन अभी तक रनवे की लंबाई भी नहीं बढ़ पाई है।2. चंद्रभागा नदी: साबरमती की रिवर फ्रंट की तर्ज पर नहीं हाे पाई विकसितचंद्रभागा नदी को साबरमती की रिवर फ्रंट की तर्ज पर विकसित किया जाना था, लेकिन बजट के अभाव में यह भी विकसित नहीं हो पाई है। पूर्व सरकार ने यहां पर पांच करोड़ रुपए का बजट जारी किया था, लेकिन नगरपालिका के पास एक करोड़ रुपए ही आ पाए। नई सरकार बनने के बाद पूर्व सरकार के काम भूला दिए गए। जब बजट नहीं आया तो यहां आधा अधूरा काम ही रह गया।3. अमृत योजना के लिए भी बजट का इंतजार तीन साल से धीमी गति हो रहा कामशहर को 24 घंटे जलापूर्ति के लिए अमृत योजना की सौगात तो मिली, लेकिन पूरा बजट नहीं मिलने से यह योजना तीन साल से पूरी नहीं हो पाई है। अभी भी योजना के तहत करीब 70 फीसदी काम ही हो पाया है। इसके चलते हर साल की तरह इस साल भी गर्मी के मौसम में शहर के इलाकों में शहरवासियों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ेगा।
1 सूलिया से मध्यप्रदेश सड़क निर्माण: जिले के डग विधानसभा क्षेत्र में सूलिया से सुनेल, पिड़ावा व मध्यप्रदेश के सोयत तक सड़क का निर्माण होना था। इसी सरकार ने यहां 10 करोड़ रुपए की घोषणा की, लेकिन अभी तक इस सड़क का काम शुरू नहीं हुआ है। टैंडर प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो पाई है।2 हर घर नल का सपना भी नहीं हो पाया पूरा: डग विधानसभा क्षेत्र में हर घर में नल का सपना भी पूरा नहीं हो पाया। जल जीवन मिशन के तहत डग विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों को हर घर नल योजना से जोड़ा गया, लेकिन अभी तक यहां पेयजल संकट का हल नहीं हाे पाया है।3 झालावाड़ शहर को 24 घंटे पानी उपलब्ध कराने के लिए पिछली सरकार ने अमृत योजना शुरू की। इस योजना के लिए 68 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए। सरकार बदली तो बजट आने की गति धीमी आ गई। इससे यहां काम बंद हो गया। अभी तक यहां 41 करोड़ रुपए ही खर्च हो पाए हैं। इससे इस बार भी गर्मी के माैसम में भी लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ेगा।4 सीवरेज का काम अधूरा: सीवरेज का काम भी अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। पूर्व सरकार ने सीवरेज के चौथे चरण के कार्य के लिए घोषणा की थी, अब यह धीमी गति से चल रहा है। साथ ही इससे शहर की सड़कें खुदी पड़ी हैं।
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