पिछले तीन दिनों से राजस्थान के मौसम ने करवट ली है। ठंडी हवाओं के साथ बारिश का दौर चल रहा है। कोहरे के साथ ही गलन बढ़ गई है। झालावाड़ में तो गुरुवार को झमाझम बारिश के साथ टमाटर के आकार के ओले गिरे। सरसों, संतरे की फसल बर्बाद हो गई है। किसानों की सारी मेहनत बेकार कर दी है।
मनोहर थाना उपखंड क्षेत्र के जावर, सोरती, पाढ़लिया तथा पिड़ावा उपखंड के दुबलिया, माथनिया क्षेत्र में ओलावृष्टि हुई। मनोहर थाना के पिंडोला गांव में बुधवार को टमाटर के आकार के गोले गिरे। खेतों में खड़ी सरसों की फसल नीचे गिर गई। वहीं कुछ क्षेत्रों में चने के आकार के ओले गिरे। रुक-रुक कर हुई बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों को भारी नुकसान की आशंका है। किसानों ने बताया कि रात के समय भी तेज हवाओं के साथ ओलावृष्टि हुई है, जिससे संतरे के पौधों को नुकसान पहुंचा है।
2 दिन मावठ और ओलावृष्टि के बाद शुक्रवार को जिले में कोहरा छाया रहा। घने कोहरे के कारण लोगों की दिनचर्या को पूरी तरह प्रभावित हुई। झालावाड़ शहर पूरी तरह कोहरे के आगोश में लिपटा नजर आया और विजिबिलिटी 50 मीटर से भी कम रही। हाईवे से गुजरने वाले वाहनों को हेडलाइट जलाकर चलना पड़ा। जिले में मौसम खुलने के साथ ही सर्द हवाओं में तेजी होगी और तापमान में और गिरावट दर्ज होगी।
फसलों पर मौसम की मार:5 दिन की सर्दी से महीनों की मेहनत पर जमी बर्फ, अनार और सरसो की 70% फसलें बर्बाद
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