झालावाड़ जिले के घटोद निवासी एक बुजुर्ग दंपती अपनी बेटी की तलाश में 2 दिन तक दर-दर भटकते रहे, लेकिन झालावाड़ पुलिस ने उनका सहयोग करना तो दूर गुमशुदगी का मामला तक दर्ज नहीं किया। पुलिस की ओर से कोई सहयोग नहीं मिला तो वे खुद ही अपनी बेटी की तलाश में निकल पड़े। दंपती कभी किसी राहगीर, तो कभी किसी दुकानदार को फोटो दिखाकर अपनी बेटी के बारे में पूछते रहे। इस दौरान उनको एक चाय वाले ने उनकी बेटी हल्दीघाटी क्षेत्र में देखे जाने की सूचना दी। इसके बाद परिजन वहां पहुंचे तो लापता बेटी मिल गई।
दरअसल घटोद गांव के रहने वाले बुजुर्ग दंपती गेंदी बाई व रामसिंह अपनी मानसिक रूप से विक्षिप्त बेटी कला बाई (30) का इलाज करवाने के लिए प्रशासन गांवों के संग शिविर में गए थे, वहां से कलाबाई को झालावाड़ जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। सोमवार को कलाबाई की छोटी बहन रेखा उसे झालावाड़ लेकर आई। रेखा अपनी बड़ी बहन कलाबाई को मानसिक रोग विभाग के सामने बैठा कर किसी कागज की फोटो कॉपी करवाने के लिए अस्पताल के सामने गई। जब वह वापस लौटी तो कला बाई उसे वहां नहीं मिली। रेखा ने उसको पूरे अस्पताल में उसकी तलाश की और जब वह कहीं नहीं मिली तो अस्पताल की पुलिस चौकी पहुंची। चौकी पुलिस ने उसे महिला थाने जाकर मामला दर्ज करवाने को कहा। इस बीच कला बाई के माता-पिता भी झालावाड़ पहुंच गए। मंगलवार सुबह ये लोग मामला दर्ज करवाने महिला पुलिस थाने पहुंचे, लेकिन वहां इनका मामला दर्ज तक नहीं किया गया।
उधर मामले में झालावाड़ एसपी मोनिका सेन ने कहा कि विक्षिप्त महिला को ढूंढकर कर उसके परिजनों को सौंप दिया है। मामले की जांच झालावाड़ डीएसपी सौंपी गई है। जांच में अगर किसी की लापरवाही मिली तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
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