कोटा एसीबी टीम द्वारा 13 मार्च 2019 को वन विभाग के कैटल गार्ड और दलाल को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले की जांच इटावा के क्षेत्रीय वन अधिकारी (रेंजर) की भी भूमिका सामने अाई है। इस पर उसे भी आरोपी बनाकर गिरफ्तार कर लिया। बुधवार को एसीबी कोर्ट कोटा में पेश करने पर उसे जेल भेज दिया। इस मामले की जांच झालावाड़ एसीबी एएसपी भवानीशंकर मीणा काे साैंपी गई थी।एसीबी एएसपी मीणा ने बताया कि परिवादी पीपल्दा, हरिपुरा निवासी अविनाश गोस्वामी ने कोटा एसीबी में शिकायत दी थी कि 4 फरवरी 2019 को ट्रैक्टर-ट्रॉली में बागल्दा, मध्यप्रदेश से पत्थर भरकर ला रहा था।
उसे नाकेदार रामप्रसाद व राकेश सहित दो तीन अन्य ने रुकवाया और ट्रैक्टर को इटावा फाॅरेस्ट ऑफिस में ले गए। रामप्रसाद व राकेश ने ट्रैक्टर छोड़ने पर सवा लाख रुपए की मांग की। इस पर परिवादी ने नियमानुसार रसीद काटने काे कहा तो ट्रैक्टर-ट्रॉली जब्त कर ली। इसके बाद परिवादी रेंजर सुरेश शर्मा से मिला तो उसने भी ट्रैक्टर छोड़ने रामप्रसाद से ही मिलने को कहा। बाद में रामप्रसाद के दलाल राधेश्याम के मार्फत 65 हजार में सौदा तय हुआ। रामप्रसाद ने 45 हजार रुपए ले लिए, लेकिन ट्रैक्टर नहीं छोड़ा। इस पर परिवादी ने एसीबी में शिकायत कर दी। कोटा एसीबी ने 13 मार्च 2019 को दलाल राधेश्याम मीणा 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया और मामले में कैटल गार्ड रामप्रसाद को भी गिरफ्तार किया। बाद में जांच झालावाड़ एसीबी को सौंपी। जांच में रेंजर सुरेशचंद्र शर्मा की भी भूमिका रही। ट्रैक्टर एक महीने तक उनके कार्यालय में खड़ा रहा। फिर भी उन्होंने कुछ नहीं किया, जबकि परिवादी के कॉल टेप में सुरेशचंद्र शर्मा से बातचीत भी सामने आई। इस पर उसे भी मामले में आरोपी बनाया। उपवन संरक्षक कार्यालय कोटा से अभियोजन स्वीकृति लेने के बाद रेंजर शर्मा को गिरफ्तार किया।
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